अगर कोशिश की जाए तो एक न एक दिन सफलता मिल ही जाती है. यह कहावत आशुतोष कुमार ने सच कर दिखाई. आशुतोष कुमार धनबाद के सराय ढेला विकास नगर के रहने वाले रेलवे गार्ड चंद्र भूषण सिंह के बेटे हैं, जिनका चयन ISRO में वैज्ञानिक के पद पर हुआ है. आशुतोष की कामयाबी से उनका परिवार खुशी से फूले नहीं समा रहा.
चंद्र भूषण सिंह धनबाद रेल मंडल में मेल एक्सप्रेस के गार्ड में कार्यरत हैं. लेकिन उनके बेटे को इसरो में वैज्ञानिक के रूप में नौकरी मिल गई. आशुतोष ने प्रारंभिक शिक्षा डिनोबिली से प्राप्त थी जिसके बाद उन्होंने बीआईटी मेसरा और फिर आईआईटी आईएसएम से पढ़ाई पूरी की.
आशुतोष देश सेवा करना चाहते थे. वह बचपन से ही साइंटिस्ट बनने का सपना देखते थे जो उन्होंने पूरा भी कर लिया. आशुतोष के दादाजी भी उन्हें इसरो का वैज्ञानिक बनाना चाहते थे. आशुतोष अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं जिन्होंने अपने बेटे को इस मुकाम तक पहुंचाने में काफी त्याग दिए हैं.
आशुतोष के माता-पिता अपने बेटे की कामयाबी पर गर्व महसूस कर रहे हैं. उनका कहना है कि हर मां-बाप चाहते हैं कि उनका बेटा आगे बढ़े. देश के लिए कुछ करें और नाम रोशन करे. बता दें कि इसरो में शामिल होने के लिए पीसीएम से 12 वीं पास होना जरूरी है और 65% अंकों के साथ बीटेक की डिग्री होनी चाहिए. लिखित परीक्षा भी देनी होती है जिसमें बहुविकल्पीय प्रश्न आते हैं. टेस्ट में कम से कम 60% अंक लाना जरूरी होता है. लिखित परीक्षा में पास होने के बाद इंटरव्यू देना पड़ता है. फिर मेरिट निकाली जाती है, जिसके बाद चयन किया जाता है.
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