सनातन धर्म में और हमारे शास्त्रों में दान को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। यह सिर्फ एक रीति रिवाज नहीं होता है यह दान करने के पीछे बहुत से धार्मिक उद्देश्य छिपे होते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भी दान करने से हमें बहुत पुण्य की प्राप्ति होती है और हमारे पाप नष्ट होते हैं।
शास्त्रों के अनुसार दान से इंद्रिय भोगों के प्रति आसक्ति छूटती है मन की ग्रंथियां खुलती है जिसे मृत्यु काल में लाभ प्राप्त होता है।
हम यह भी कह सकते हैं कि जीवन भर के किये गए दुष्कर्म उसे मुक्त होने के लिए दान की सबसे सरल और उत्तम माध्यम माना गया है। वेदों पुराणों में भी दान के महत्व का वर्णन किया है यही कारण है कि हजारों वर्ष पुराने हिंदू धर्म में आज भी विभिन्न वस्तुओं का दान करने के रिवाज का पालन किया जाता है।
जहां एक और दान देना बहुत पुण्य का काम है। इसलिए हम विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का दान करते हैं लेकिन कुछ चीजें ऐसी भी होती है जिनका दान करना हमारे लिए हानिकारक हो सकता है।
तो आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि ऐसी कौन सी वस्तु है जिनका दान करने से हमें बचना चाहिए
■हिंदू मान्यता के अनुसार कभी भी झाड़ू का दान नहीं करना चाहिए। झाड़ू का मा लक्ष्मी से संबंध होता है। इसलिए दान के स्वरूप में कभी भी झाड़ू का दान ना करें। ऐसी लोक मान्यता है कि इससे मा लक्ष्मी घर से चली जाती है यानी कि महालक्ष्मी आपसे रूठ जाती है।
■किसी को तोहफे में रुमाल देने से भी बचना चाहिए ऐसा माना जाता है कि इससे आपसी कलह पैदा होता है कई बार लोग रुमाल ना होने पर साथी का रुमाल इस्तेमाल कर लेते हैं इससे न केवल उनके रिश्तो कलह पैदा होती है बल्कि आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ता है।
■ऐसा माना जाता है कि सूर्य डूबने के बाद हमें धन का दान नहीं करना चाहिए ऐसे करने से मां लक्ष्मी की कृपा हम पर नहीं रहती है साथ ही सूर्य डूबने के बाद किसी को उधार भी नहीं देनी चाहिए।
■वास्तु शास्त्र के अनुसार शाम के समय लहसुन और प्याज का दान करने से भी बचना चाहिए। इन चीजों का दान करना और किसी से लेना दोनों ही अशुभ होता है ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि नहीं रहती है जिस वजह से गरीबी आती है।
■नमक का दान देने से भी बचना चाहिए सूरज डूबने के बाद कभी भी नमक का दान नहीं करना चाहिए। अगर आपसे कोई नमक मांगने आता है तो उसे नहीं देना चाहिए शाम के समय नमक देने से घर का धन वैभव चला जाता है।
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