आजकल बहुत से लोग कछुए के शेप की अंगूठी पहनते हैं इसको पहनने से धन के मार्ग खुल जाते हैं। साथ ही वास्तुशास्त्र में भी इसको बहुत शुभ बताया गया है, लेकिन बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो बिना जानकारी के कछुए की अंगूठी को धारण कर लेते हैं। जिससे यह अपना शुभ प्रभाव नहीं दे पाता है।
शास्त्रों में कछुए को भगवान विष्णु का कच्छप अवतार का स्वरूप माना जाता है। समुद्र मंथन के समय भगवान विष्णु ने कछुए का अवतार लिया और इस मंथन से ही देवी लक्ष्मी समुद्र से बाहर आई थी। कछुए जल में रहने वाला जीव है और इसका सीधा संबंध माता लक्ष्मी से है, क्योंकि माता की उत्पत्ति भी जल से हुई है। कछुआ धैर्य ,शांति, निरंतरता और समृद्धि का भी प्रतिक है। वास्तु शास्त्र में कछुए की अंगूठी को पहना बहुत ही फायदेमंद बताया गया है इसे पहनने से जीवन में बहुत से दोषो से हमें छुटकारा मिलता है और हमारे आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है।
चीनी वास्तु शास्त्र फेंगशुई में भी ऐसे कई चीजों के बारे में बताया गया है जिससे हमारे दैनिक जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है ऐसे ही है एक वस्तु कछुआ अंगूठी।
कछुआ अंगूठी पहनने के कुछ फायदे
■कछुए वाली अंगूठी को उन्नति का भी प्रतीक माना जाता है इसलिए ऐसा माना जाता है कि अंगूठी को पहनने से उन्नति के मार्ग खुल जाते हैं।
■कछुआ भगवान विष्णु का अवतार है समुद्र मंथन के समय देवी लक्ष्मी के साथ कछुआ भी प्रकट हुआ था इसलिए कछुआ देवी लक्ष्मी को बहुत प्रिय है इसीलिए कछुए वाली अंगूठी पहनने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
■कछुए वाली अंगूठी पहनने से व्यक्ति के आत्मविश्वास और ऊर्जा का संचार अत्यधिक होता है।
■चीनी वास्तु शास्त्र के अनुसार भी कछुए की अंगूठी पहनने से वास्तु दोष कम होता है साथ ही इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती है।
■फेंगशुई के अनुसार चांदी के कछुए की अंगूठी पहनने से शांति धैर्य धीरज आता है।
■फेंगशुई शास्त्र के अनुसार दाएं हाथ की उंगली में ही कछुआ अंगूठी धारण करना ऐसे ही इसका उचित लाभ मिलता है।
■फेंगशुई के अनुसार कछुए की अंगूठी को मध्य उंगली में भी पहनना चाहिए
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