अमेरिकी कंपनी Ford ने किया था टाटा कंपनी का अपमान, फिर 8 साल बाद रतन टाटा ने यूं लिया था बदला

देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा 83 साल के हो चुके हैं. रतन टाटा लोगों के लिए आदर्श हैं. वह अपने सादगीपूर्ण जीवन के लिए मशहूर हैं. उनके जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए. लेकिन उन्होंने जिस तरह से सभी मुश्किलों का सामना किया वह लोगों को प्रेरणा देने वाला है. आज हम आपको रतन टाटा के जीवन से जुड़ा एक ऐसा ही किस्सा बताने वाले हैं जब उन्हें अपमान सहना पड़ा था. लेकिन 8 साल बाद उन्होंने अपमान का बदला ले लिया.

बता दें कि 1998-99 में रतन टाटा ने अपनी ड्रीम कार टाटा इंडिका लांच की थी. लेकिन यह कार बाजार में उनकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी और टाटा मोटर्स को भारी नुकसान हुआ. इस वजह से शेयरहोल्डर्स ने टाटा कंपनी के शेयर बेचने का सुझाव दिया था. जब टाटा मोटर्स को बेचने का प्रस्ताव सबके सामने आया था तो अमेरिकी कंपनी कंपनी फोर्ड ने इसमें रूचि दिखाई.

इस संबंध में बात करने के लिए रतन टाटा अमेरिका में फोर्ड मोटर के हेड ऑफिस पहुंचे तो उनके साथ कंपनी के शेयर होल्डर्स भी थे. यह मीटिंग लगभग 3 घंटे चली जिसके बाद फोर्ड के चेयरमैन रतन टाटा पर तंज कसते हुए अपमानजनक अंदाज में कहा- जब तुम्हें कार बिजनेस की कोई जानकारी नहीं थी तो तुमने इस कार को लांच करने में इतना पैसा क्यों लगा दिया. खैर हम फोर्ड तुम्हारी कंपनी को खरीद कर तुम पर एहसान कर रही हैं. यह बात रतन टाटा को बहुत बुरी लगी और वह भारत वापस लौट आए और उन्होंने टाटा मोटर्स को ना बेचने का फैसला लिया.

2008 में जब वैश्विक मंदी आई तो फोर्ड कंपनी को घाटा हुआ और इस वजह से वह दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई. ऐसे में रतन टाटा ने फोर्ड की लैंड रोवर और जगुआर को खरीदने का प्रस्ताव रखा, जिसकी वजह से ही फोर्ड कंपनी घाटे में गई थी. इस तरह लगभग 8 साल बाद रतन टाटा ने उस कंपनी की हिस्सेदारी खरीद ली, जिसके अधिकारियों ने कभी उनका अपमान किया था.

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