कोरोना का सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव महाराष्ट्र पर पड़ा. लेकिन अब महाराष्ट्र धीरे-धीरे इस संकट से उभर रहा है. इस मुश्किल की घड़ी में मुंबई पुलिस की कांस्टेबल रहाना शेख ने ऐसा काम किया है जिसने समाज के लिए मिसाल कायम की. रहाना ने 50 गरीब आदिवासी बच्चों की शिक्षा का बीड़ा उठाया है. लोगों उन्हें मुंबई की मदर टेरेसा कह रहे हैं.
रहाना को अपनी बेटी के जन्मदिन के मौके पर रायगढ़ के वाजे तालुका में ज्ञानी विद्यालय का पता चला, जहां उन्होंने संपर्क किया और बच्चों की मदद करने की इच्छा जाहिर की. रहाना कहती हैं कि शिक्षा से ही परिवर्तन लाया जा सकता है. रहाना के पास कोरोना काल में प्लाज्मा, ऑक्सीजन रेमदेसीविर इंजेक्शन जैसी चीजों के लिए कॉल आते थे.
रहाना बताती हैं कि 1 दिन उन्हें कैंसर रोगी के लिए ए प्लस ब्लड ग्रुप के लिए एक कॉल आया. इससे मैं काफी चिंतित थी. मेरे पति मुझे चिंतित देखकर अस्पताल ले गए जहां उन्होंने स्वेच्छा से रक्तदान करने के लिए कहा. रहाना को मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने उत्कृष्टता प्रमाण पत्र से भी सम्मानित किया था.
रहाना पिछले 21 सालों से पुलिस में रहकर जनता की सेवा कर रही हैं. वह एथलीट और वॉलीबॉल की खिलाड़ी भी रह चुकी है. रहाना कहती हैं कि हमें एक दूसरे की मदद करनी चाहिए. साथ ही उन्होंने सम्पन्न लोगों से भी कमजोर लोगों की मदद करने का आग्रह किया.
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