इस गुफा में आज भी मौजूद है रावण का शव, नहीं किया गया था अंतिम संस्कार, जानिए क्या है रहस्य

हिंदू धर्म में रामायण का एक विशेष स्थान है। रामायण की रचना श्री ऋषि वाल्मीकि के द्वारा की गई थी। कहा जाता है कि रामायण की घटना चौथी और पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व की है। हम सभी लोग रामायण की कहानी को भली-भांति जानते हैं, रामायण के अनुसार रामायण श्री रामचंद्र के जीवन काल को दर्शाता है। इसका सबसे प्रमुख अध्याय है लंका पर विजय।

वनवास के दौरान जब रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया था और उन्हें लंका ले जा कर रखा था तब अपनी धर्म पत्नी सीता को रावण के चंगुल से आजाद करने के लिए भगवान श्रीराम ने लंका पर आक्रमण किया था और रावण का वध करके अपनी पत्नी सीता को रावण के चंगुल से आजाद किया था। यह सब बातें सभी जानते हैं लेकिन इस महाकाव्य से जुड़े कुछ ऐसे भी रहस्य हैं जिनके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है। तो आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको एक ऐसे ही महत्वपूर्ण बिंदु पर प्रकाश डालेंगे।

ऐसा कहा जाता है कि जब श्री रामचंद्र ने रावण का वध किया था और रावण का शव विभीषण को सौंप दिया था अंतिम संस्कार के लिए। लेकिन किसी कारणवश रावण का अंतिम संस्कार नहीं हो पाता है,,और उसके शव को एक गुफा में सुरक्षित रख दिया गया था। ऐसा कहा जाता है कि आज भी वह शव श्रीलंका के जंगलों में एक गुफा में सुरक्षित रखा हुआ है तो आज हम इसी रिसर्च के बारे में आपको बताने जा रहे हैं।

जाने रिसर्च क्या कहती है
श्रीलंका की एक इंटरनेशनल रिसर्च सेंटर एजेंसी जो कई वर्षों से रामायण के तथ्यों की खोज कर रही है। उनकी रिसर्च में लोगों ने श्रीलंका के 50 ऐसे स्थानों को खोजा है जिनका संबंध सीधे रामायण से है। साथ ही उन्होंने अपने रिसर्च में यह भी दावा किया है कि श्रीलंका के रैगला के जंगल में रावण का शव रखा हुआ है। श्रीलंका के रैगला के जंगलों में एक गुफा है जहां रावण ने तपस्या की थी, और कहा जाता है कि इसी गुफा में आज भी रावण का शव सुरक्षित रखा हुआ है रैगला के जंगलों में यह गुफा 8000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।

किसने रखा था गुफा में रावण का शव
रावण की मृत्यु कब हुई थी इसका कोई प्रमाण मौजूद नहीं है लेकिन ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्री रामचंद्र के हाथों से रावण का वध 10000 साल पहले हुआ था। जब श्री रामचंद्र ने रावण का वध किया था उसके बाद श्री रामचंद्र ने रावण के शव को अंतिम संस्कार के लिए विभीषण को सौंप दिया था, लेकिन विभीषण ने राज गद्दी संभालने की जल्दी में रावण के शव को वैसे ही छोड़ दिया था, और ऐसा माना जाता है कि उसके बाद रावण के शव को नागकुल के लोगों ने अपने साथ ले गए क्योंकि उन्हें ऐसा लगता था कि रावण की मृत्यु नहीं हो सकती है यह मौत क्षणिक है। वह फिर से जिंदा हो जाएगा लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ इसलिए उन्होंने रावण के शरीर पर एक खास तरह का लेप लगाया जिससे उसका शरीर कई सालों तक सुरक्षित रहे। रावण का शव को एक ताबूत जो 18 फीट लंबा और 5 फीट चौड़ा था उसमें रावण के शव को सुरक्षित रख दिया और ऐसा कहा जाता है की इस ताबूत के नीचे रावण का बेशकीमती खजाना रखा हुआ है। जिस की रखवाली भयंकर नाग और कई खूंखार जानवर करते हैं इसलिए किसी भी आम लोगों का वहां पर प्रवेश कर पाना बहुत ही मुश्किल है।

रिसर्च के अनुसार अन्य दावे
श्रीलंका की इंटरनेशनल रिसर्च सेंटर एजेंसी जो सिर्फ रामायण के तथ्यों पर ही रिसर्च करती है उन्होंने ऐसे कई जगह और सबूत ढूंढे हैं जिससे रामायण का सीधा संबंध है।

●इस रिसर्च के मुताबिक उन्होंने रावण की अशोक वाटिका कहां स्थित थी और उन्होंने सीता माता को अशोक वाटिका में कहां रखा था उसे भी खोजने का दावा किया है।

●रिसर्च में यह भी दावा किया गया है कि रावण का पुष्पक विमान जिससे वह हर जगह आता जाता था। वह कहां पर उतरता था उस जगह को भी खोजने का दावा किया है।

●जब हनुमान जी ने अपना विराट रूप धारण किया था तब उनके पैरों के निशान जो वहां पर बने थे उन्हें भी खोजने का दावा रिसर्च मे किया है।

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