जल्द ही सावन के पवित्र महीने की शुरुआत होने वाली है. सावन के सोमवार को भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा की जाती है. धरती पर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग हैं, जिनमें से आज हम आपको उस ज्योतिर्लिंग के बारे में बता रहे हैं जो मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में स्थित है.
इस मंदिर का वर्णन सुंदर पुराण, महाभारत में कालिदास जैसे कवियों ने किया है. ऐसा कहा जाता है कि जब ब्रह्मांड की रचना हुई थी तब सूर्य के पहले 12 सूर्य पृथ्वी पर गिरे थे, जिनमें से 12 ज्योतिर्लिंग बने. उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भी सूर्य के पहले 12 सूर्यों से ही बना था जिनकी पूजा उज्जैन में बाबा महाकालेश्वर के रूप में होती है.
उज्जैन की पुरी भूमि को उसर भूमि भी कहा जाता है, यानी कब्रिस्तान की जमीन. महाकाल नगरी में हरसिद्धि, काल भैरव, विक्रांत भैरव भगवान भी मौजूद हैं. इस मंदिर के परिसर में कई देवी-देवताओं के मंदिर हैं. प्राचीन काल से इस मंदिर में एक कुंड है जिसको लेकर ऐसा माना जाता है कि यहां स्नान करने से पाप से मुक्ति मिल जाती है और सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं.
ऐसा कहा जाता है कि उज्जैन के महाकाल की नगरी में किसी भी राजा को ठहरने की इजाजत नहीं थी, क्योंकि अगर कोई राजा यहां रात बिताता था तो वह अपना राज्य खो देता था.
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