अगर घर में बेटियां जन्म लेती हैं तो समाज माता-पिता को ताने मारता है. ऐसी ही कहानी है उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के फरीदपुर तहसील के नबदिया अशोक गांव के रहने वाले चंद्रसेन सागर की, जिनके यहां 1981 में बेटी का जन्म हुआ, जिसका नाम उन्होंने अर्जित सागर रखा. लेकिन जब एक के बाद एक उनकी 4 बेटियां और हुईं, तो समाज के लोग उन्हें ताना देने लगे.
चंद्रसेन और उनकी पत्नी मीना अपनी बेटियों को पढ़ा लिखा कर कुछ बनाना चाहते थे. इसको लेकर भी समाज के लोग तंज कसते थे कि बेटियों को इतना पढ़ाने की जरूरत नहीं है. लेकिन चंद्रसेन और मीना ने अपनी बेटियों को खूब पढ़ाया. चंद्रसेन के घर से दामाद को मिलाकर परिवार में 2 आईएएस, दो आईआरएस और एक आईपीएस ऑफिसर है.
यह यूपी का पहला ऐसा परिवार है जहां तीन बेटियों ने यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की है. चंद्रसेन की दो बेटियां इंजीनियर है. चंद्रसेन की सबसे बड़ी बेटी अर्जित सागर ने 2009 यूपीएससी परीक्षा में 628वीं रैंक हासिल की और वह आईआरएस अधिकारी बन गईं. वह फिलहाल ज्वाइंट कमिश्नर कस्टम मुंबई में पोस्टेड है. उनके पति सुरेश मेरुगु भी आईआरएस अधिकारी हैं.
2015 में चंद्रसेन सागर की दूसरी बेटी अर्पित सागर ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की और वह आईएएस अधिकारी बन गई. चंद्रसेन की तीसरी बेटी अंशिका और छोटी बेटी अंकिता सागर ग्राफिक इंजीनियर है. दोनों बड़ी कंपनियों में जॉब कर रही हैं. चंद्रसेन की पांचवी और सबसे छोटी बेटी आकृति सागर ने 2016 में यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की और वह फिलहाल दिल्ली जल बोर्ड के डायरेक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं. उनके पति आईपीएस अधिकारी हैं, जो दिल्ली में ही कार्यरत हैं.
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