आज हम आपको उस शक्स की कहानी बता रहे हैं, जो कभी मजदूरी करता था. लेकिन आज करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन चुका है. हम आपको सुदीप दत्ता की कहानी बता रहे हैं जिनके पिता आर्मी में थे. उनके पिता 1971 में लड़ाई के दौरान शारीरिक दुर्बलता का शिकार हो गए, जिसके बाद घर की सारी जिम्मेदारी सुदीप के ऊपर आ गई. गरीबी की वजह से सुदीप के बड़े भाई को बीमार हो गए. उनके भाई को इलाज नहीं मिला तो उनकी मौत हो गई और कुछ समय बाद उनके पिताजी ने भी प्राण त्याग दिए.
अब सुदीप के ऊपर ही अपने भाई बहनों की जिम्मेदारी आ गई. सुदीप ने दोस्तों की सलाह मानकर ₹15 महीने पर नौकरी करना शुरू कर दिया. उन्हें 20 मजदूरों के साथ एक छोटे से कमरे में रहना होता था. वह पैसे बचाकर अपनी मां के लिए भेजा करते थे. हालांकि उन्हें काम के लिए घर से 40 किलोमीटर दूर फैक्ट्री जाना पड़ता था.
लेकिन 2 साल के बाद वो फैक्ट्री भी बंद हो गई. अब सुदीप को नया काम ढूंढना था. सुदीप जब बेरोजगार थे तो उन्होंने खुद फैक्ट्री चलाने का फैसला किया और ₹16,000 जमा किए. सुदीप को फैक्ट्री खरीदने के लिए 2 साल का मुनाफा मालिकों को बांटने का वादा करना पड़ा, क्योंकि उस समय ₹16,000 बहुत कम थे.
बाद में सुदीप उसी फैक्ट्री के मालिक बन गए, जहां वह कभी मजदूरी किया करते थे. हालांकि सुदीप के लिए अपनी फैक्ट्री को सफल बनाना बहुत मुश्किल था. उस समय उनके सामने कई बड़ी कंपनियों की चुनौती थी. लेकिन उन्होंने अपनी गुणवत्ता को बनाए रखा, जिससे उनके ग्राहक बढ़ते गए. कुछ समय बाद उन्हें बड़ी-बड़ी कंपनियों से आर्डर मिलने शुरू हो गए. आज सुदीप की कंपनी का रेट 1600 करोड़ से भी ज्यादा है.
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