कार्तिक पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए करें ये कार्य, मिलेगा आशीर्वाद

हिंदू कैलेंडर में कार्तिक का महीना आठवां महीना होता है। कार्तिक माह के दौरान होने वाले पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इसे देव प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष 19 नवंबर, 2021, शुक्रवार के दिन कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इस पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण पूर्णिमा माना जाता है इस दिन को देव दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है की गंगा के तट पर देवता स्नान करके दीप जलाकर स्वर्ग प्राप्ति का उत्सव मनाते हैं।

हिंदू शास्त्र के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत ही शुभ होता है ऐसा माना जाता है, कि इस दिन ही भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नामक असुर का विनाश किया था, तभी से भगवान शंकर को त्रिपुरारी कहा जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान करने की परंपरा है साथ ही हवन, दान, जप, तप आदि धार्मिक कार्यों को करने के लिए विशेष महत्व है। विष्णु पुराण के अनुसार इस दिन भगवान नारायण ने मत्स्य अवतार लिया था। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शुभ योग में किए गए धार्मिक कार्यों का फल हजार गुना मिलता है। साथ ही इस दिन चंद्रग्रहण भी लग रहा है जो इस दिन के महत्व को और भी अधिक बढ़ा देता है।

ऐसे में यदि हम पुण्य अर्जित करना चाहते हैं तो कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि को हमारे लिए विशेष अवसर लेकर आया है लेकिन कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुछ ऐसी बातें हैं जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी है, आमतौर पर हमें नहीं पता होता है कि इस दिन क्या करना उचित है, और क्या करना नहीं तो आज इस आर्टिकल में हम आपको यही बताएंगे।

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा को बहुत ही शुभ माना जाता है पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस दिन देवी देवता को खुश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन होता है इसलिए इस दिन लोग पवित्र गंगा में डुबकी लगाकर और दान दक्षिणा करके पुण्य अर्जित करते हैं। कार्तिक स्नान करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को पुण्य की प्राप्ति होती है।

इन कार्य को करने के लिए सर्वश्रेष्ठ है कार्तिक पूर्णिमा का दिन

■पूर्णिमा का व्रत करने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ दिन होता है इस दिन व्रत का एक विशेष महत्व होता है इस दिन उपवास करके भगवान का स्मरण चिंतन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है तथा सूर्य लोक की प्राप्ति होती है कार्तिक पूर्णिमा से प्रारंभ करके प्रत्येक पूर्णिमा को रात्रि में व्रत और जागरण करने से भी मनोरथ सिद्ध होते हैं।

■इस दिन शालिग्राम के साथ ही तुलसी की पूजा सेवन और सेवा करने का बहुत विशेष महत्व है।

■इस दिन दीपदान का भी विशेष महत्व है इसे देव दिवाली के रूप में मनाया जाता है ऐसा माना जाता है कि सभी देवता गंगा नदी के तट पर आकर दीप जलाकर अपनी प्रसन्नता को दर्शाते हैं इसलिए इस दिन दीपदान करने से सभी तरह के संकट से मुक्ति प्राप्त होती है।

■इस दिन चावल का दान करना भी बहुत शुभ होता है चावल का संबंध चंद्रमा से होता है और चावल दान करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है।

■यह दिन बहुत पवित्र होता है इसलिए लहसुन, प्याज,मास जैसे तामसिक भोजन से दूर ही रखें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।

मां लक्ष्मी को खुश करने के उपाय
धार्मिक दृष्टि से कार्तिक का दिन बहुत ही शुभ होता है कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान, पूजा और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है इसके साथ ही हवन और सत्यनारायण की कथा सुनने के लिए भी यह शुभ दिन होता है। इस दिन घर मे आम के पत्ते का तोरण बांधे और रंगोली बनाए इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है।

इस तरह करें भगवान शिव की पूजा
इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन सर्वार्थसिद्धि का योग बन रहा है इसलिए इस दिन यदि आप महादेव का की पूजा करते हैं, शिवलिंग का अभिषेक जल में और दूध से करते हैं। इसके बाद 108 बार ओम नमः शिवाय का मंत्र जाप करते हैं और पांच दीप जलाते हैं तो इससे आपको शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

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