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आज हम आपको डॉक्टर पूनम गौतम की कहानी बता रहे हैं जो कड़ी मेहनत के बाद डिप्टी कलेक्टर बन गई. 2019 में सिविल सर्विसेज पीसीएस परीक्षा में पूनम ने तीसरा स्थान पाया. पूनम स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं. उन्होंने ऑफिस से लेकर घर तक की सभी जिम्मेदारियां निभाईं. साथ ही वह यूपीएससी परीक्षा की भी तैयारी करती रही.
2019 में तीसरे प्रयास में उन्होंने पीसीएस परीक्षा में तीसरा स्थान हासिल कर अपनी मंजिल को प्राप्त कर लिया, जिसके बाद उनका चयन एसडीएम के पद पर हुआ. पूनम का जब रिजल्ट आया तो उन्हें बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ था. वह अपने परिवार वालों को अपनी सफलता का श्रेय देती हैं.
उनका कहना है कि अगर उनके परिवार का साथ नहीं मिलता तो उनका यह सपना कभी पूरा नहीं हो पाता. पूनम डॉक्टर होने के साथ एक गृहिणी भी है. वह मरीजों को भी देखने जाती थी और हर रोज अपनी पढ़ाई भी करती थीं. उन्होंने ऑप्शनल पेपर में मेडिकल साइंस लिया था, जिससे उन्हें पढ़ाई में काफी मदद मिली.
घर की जिम्मेदारियां होने की वजह से भी पूनम को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा. उन्हें रात में भी पढ़ाई करनी पड़ती थी. तब जाकर वह अपनी मंजिल को हासिल करने में सफल हो पाईं. पूनम की सफलता की कहानी समाज की बाकी महिलाओं के लिए भी प्रेरणादायक है.
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