हेमा से लता मंगेश्कर कैसे बनी स्वर कोकिला, बड़ी दिलचस्प है कहानी

भारत रत्न स्वर कोकिला कहीं जाने वाली लता मंगेशकर को भले कौन नहीं जानता पिछले 80 सालों से लता मंगेशकर बॉलीवुड का मनोरंजन कर रही है लेकिन हाल ही में लता मंगेशकर दुनिया को अलविदा कह गई यह न्यूज जैसे ही फैंस को मिली इसके बाद फैंस ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किए ना सिर्फ फैंस बल्कि बॉलीवुड से बहुत से अदाकार भी लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं वही लता मंगेशकर के निधन के कारण पूरा बॉलीवुड में शोक की लहर में डूबा हुआ है।

लता मंगेशकर म्यूजिक की दुनिया में एक पूजनीय नाम माना जाता है उन्होंने दशकों तक अपनी गाने से लोगों का मनोरंजन किया है आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लता मंगेशकर के निधन के बाद देश में दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर दी गई थी इसके अलावा सम्मान के रूप में 2 दिनों तक राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका था राष्ट्रीय ध्वज झुकने का अर्थ क्या होता है कि यह भारत के लिए बहुत बड़ा नुकसान है।

लता मंगेशकर ने जब भी कोई गाना गाया तब उन्होंने अपने इस गाने को मंत्रमुग्ध बनाया उन्होंने दशको तक बॉलीवुड इंडस्ट्री में राज किया है ना सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में लता मंगेशकर को काफी पसंद किया जाता है लेकिन क्या आप सभी को लता मंगेशकर का असली नाम पता है अगर नहीं तो आइए जानते हैं उनका असली नाम और उनसे जुड़ी कुछ विशेष बातें।

बात करें आज के समय में लता मंगेशकर के चाहने वालों की संख्या की तो वह करोड़ों में है शायद कोई ऐसा इंसान नहीं होगा जिन्होंने लता मंगेशकर का गाना ना सुना हो तो आइए जानते हैं लता मंगेशकर से जुड़ी कुछ कहानियां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि असर में स्वर कोकिला का नाम एक किस्से की तरह काफी दिलचस्प है और लता का असली नाम कुमारी लता दीनानाथ मंगेशकर था इतना ही नहीं लता मंगेशकर के पिता का नाम पंडित दीनानाथ मंगेशकर था और उनके पिता मराठी थिएटर के मशहूर एक्टर और नाच संगीत के म्यूजिशियन भी थे।

लता जी को संगीत की कला विरासत में मिली थी ऐसे में लता जी को बचपन से ही संगीत में लगाव था कहा जाता है कि लता जी के पिता को अपने पिता को पितापक्ष से ज्यादा माता पक्ष से लगाव था और दिनानाथ की मां येसूबाई देवदासी कि इस कारण वह गोवा के मन मंगेसी गांव में रहती थी और उनका काम मंदिरों में भजन करना होता था और उसी माध्यम से उनकी जिंदगी का गुजर बसर हो पाता था ऐसे में दीनानाथ को मंगेशकर नाम का टाइटल मिला और जन्म के समय लता जी का नाम हेमा रखा गया था।

लेकिन एक बार उनके पिताजी भाव बंधन नाटक में काम किया और उसमें एक फीमेल कैरेक्टर थी जिसका नाम लतिका था ऐसे में लता जी के पिता को यह नाम इतना पसंद आया कि उन्होंने अपनी बेटी का नाम हेमा से बदलकर लता रख दिया था लेकिन यह बात किसी को नहीं पता थी कि छोटी सी हेमा बड़े होकर लता मंगेशकर बन जाएगी और दशको तक बॉलीवुड इंडस्ट्री में राज करेगी।

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