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भगवान शिव की महिमा को समझ पाना किसी के लिए आसान बात नहीं है। धर्म शास्त्रों के अनुसार भी यह उल्लेख मिलता है कि भगवान शिव देवों के देव है साथ ही वर्तमान समय में कई ऐसे उदाहरण भी मिलते हैं, जिन्हें देखकर लोगों का भगवान के प्रति विश्वास बढ़ जाता है। भगवान शिव को सभी देवों में सबसे सर्वश्रेष्ठ माना गया है यही कारण है कि हमारे देश में भगवान शिव के विभिन्न विभिन्न प्रकार के मंदिर है और सभी का अपना अपना अलग महत्व और चमत्कार है और कुछ मंदिर तो इतने अनोखे हैं कि लोगों को यह देखकर बहुत आश्चर्य होता है। इन मंदिरों के चमत्कार और उनकी विशेषताएं भक्तों को अपनी और आकर्षित करती है। आज हम आपको ऐसे ही महादेव के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताएंगे जो बहुत ही आश्चर्यचकित कर देने वाले हैं इनके रहस्य जानकर आप भी आश्चर्यचकित हो जाएंगे तो चलिए जानते हैं कौन से है वह मंदिर-
इस मंदिर में गिरती है शिवलिंग पर बिजली
वैसे तो महादेव के लाखों मंदिर है लेकिन यह एक अनोखा मंदिर है इसे बिजली महादेव के नाम से जाना जाता है यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित है। कुल्लू शहर में व्यास और पार्वती नदी के संगम स्थल पर एक पहाड़ पर भगवान शिव की यह प्राचीन मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर के बारे में ऐसा माना जाता है कि हर 12 वर्ष में एक बार यहां पर स्थित शिवलिंग पर बिजली गिरती है। बिजली गिरने की वजह से शिवलिंग चकनाचूर हो जाता है इसके बाद पुजारी शिवलिंग के टुकड़े को मक्खन से लपेट कर रख देते हैं लेकिन इस मंदिर में सबसे चमत्कारी बात यह है कि यह शिवलिंग पुनः अपने आप ही जुड़ जाता है और इस चमत्कार की वजह से ही यह एक विशेष मंदिर है और लोग यहां पर दूर-दूर से दर्शन करने इसी वजह से आते हैं।
अचलेश्वर महादेव मंदिर
भगवान शिव के चमत्कारी मंदिरों में से एक है अचलेश्वर महादेव का मंदिर ऐसा माना जाता है कि यहां पर उपस्थित शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। राजस्थान के धौलपुर में यह मंदिर उपस्थित है जंगलों के बीच स्थित यह मंदिर अपने आप में ही बहुत चमत्कारी और अनोखा माना जाता है। इस मंदिर के शिवलिंग का रंग पूरे दिन में तीन बार बदलता है ऐसे में शिवलिंग का रंग सुबह के समय लाल दिखाई देता है, दोपहर के समय केसरिया रंग दिखाई देता है और जैसे-जैसे शाम ढल जाती है वैसे-वैसे शिवलिंग का रंग सांवला होते जाता है।
भोजेश्वर मंदिर
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 32 किलोमीटर की दूरी पर भोजपुर की पहाड़ी पर यह मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर की अनोखी बात यह है कि यहां शिवलिंग बहुत ही ज्यादा विशाल और अद्भुत है। भगवान शिव के इस प्राचीन मंदिर का निर्माण परमार वंश के प्रसिद्ध राजा भोज ने कराया था। यहां जो शिवलिंग स्थित है वह लाल बलुआ पाषाण से एक ही पत्थर से बना हुआ है जो लोगों का आकर्षण केंद्र है इसलिए लोग दूर-दूर से इस मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं।
लक्ष्मेश्वर महादेव मंदिर
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है यहां पर एक शिवलिंग है उसमें एक लाख छिद्र है इस वजह से लक्ष्य लिंग भी कहा जाता है ऐसा बताया जाता है कि इस शिवलिंग पर जितना पानी डाला जाए वह सारा पानी उस शिवलिंग में समा जाता है।
निष्कलंक महादेव मंदिर
यह मंदिर गुजरात के भावनगर के कोलियाक तट से लगभग 3 किलोमीटर अंदर अरब सागर में शिव जी का मंदिर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि रोजाना अरब सागर की लहरें यहां पर शिवलिंग का अभिषेक करती है। जब ज्वार भाटा शांत हो जाता है तब पैदल चलकर भक्त इस मंदिर का दर्शन करते हैं यह मंदिर बहुत ही चमत्कारी है क्योंकि अरब सागर की लहरें खुद ही इसका जलाभिषेक करती हैं।।
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