दृष्टिहीन होते हुए भी उंगलियों से एक-एक अक्षर समझकर की UPSC की पढ़ाई, अब बना IAS अधिकारी

आज हम आपको आईएएस राकेश शर्मा के बारे में बता रहे हैं, जो बचपन से दृष्टिहीन थे. इसी वजह से उन्हें सामान्य बच्चों के स्कूल में एडमिशन नहीं मिला. उन्हें यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए स्टडी मैटेरियल भी आसानी से नहीं मिलता था. लेकिन फिर भी उन्होंने सफलता हासिल की. उनकी कहानी देश के तमाम युवाओं को प्रेरित करने वाली है. राकेश मूल रूप से हरियाणा के गांव सांवड़ के रहने वाले हैं. उनका बचपन मुश्किलों से भरा रहा है. उनके परिवार वाले काफी गरीब थे.

राकेश की बचपन में ही आंखों की रोशनी चली गई. जब वह 2 साल के थे तो दवाइयों के साइड इफेक्ट की वजह से उन्हें दिखना बंद हो गया. इलाज करवाने के बावजूद कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी. उन्हें स्पेशल स्कूल में पढ़ाई करनी पड़ी. 12वीं तक ऐसा ही चला. उन्होंने ब्रेल लिपि से अपनी पढ़ाई पूरी की. इस सिस्टम में बच्चे हाथों की उंगलियों से अक्षरों को समझ कर पढ़ाई करते हैं.

राकेश को चलने-फिरने तक के लिए सहारे की जरूरत पड़ती थी. राकेश के माता-पिता को उनके रिश्तेदार अनाथ आश्रम में छोड़ने की सलाह देते थे. लेकिन उनके माता-पिता ने किसी की नहीं सुनी. अपने बच्चे को पढ़ाया-लिखाया.

राकेश ने सोशल वर्क से ग्रेजुएशन किया. उन्होंने डीयू में एडमिशन लिया तो उनके अंदर काफी बदलाव हुए. उन्हें जब बड़े-बड़े अधिकारियों के बारे में पता चला तो उन्होंने अधिकारी बनने का सपना देखा. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. वह ऑडियो सुन कर नोट्स बनाते थे. 2018 में उन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली.

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