दो बेटों के होने के बावजूद 98 साल की उम्र में चने बेचकर खर्चा चलाते हैं बाबा, नहीं बनना चाहते किसी पर बोझ

आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है. हालांकि बुढ़ापे में सहारे की जरूरत पड़ती है. लेकिन आज हम आपको 98 साल के बाबा विजयपाल सिंह के बारे में बता रहे हैं जो दूसरों के लिए मिसाल बने हुए हैं. उत्तर प्रदेश के रायबरेली के हरचंदपुर के रहने वाले विजय पाल सिंह 98 साल के हैं. उनके दो बेटे हैं, दोनों की शादी हो चुकी है.

वह अपने परिवार पर बोझ नहीं बनना चाहते. इसीलिए वह 98 साल की उम्र में भी चने बेचते हैं और अपना गुजारा करते हैं. विजय पाल सिंह का कहना है कि वह अपना पेट भरने के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना चाहते. सोशल मीडिया पर विजय पाल सिंह की तस्वीरें खूब वायरल हो रही है और वह सुर्खियों में छाए हुए हैं.

विजय पाल सिंह के चने की दुकान की साथ जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो डीएम वैभव श्रीवास्तव खुद उनसे मिलने पहुंचे और उनसे पूछा कि वह चने की दुकान क्यों लगाते हैं. तब बाबा विजय पाल सिंह ने बताया कि वह चने की दुकान इसलिए चलते हैं, ताकि वह किसी पर बोझ न बन जाएं.उनकी कहानी सुनकर हर कोई भावुक हो गया.

98 साल के बुजुर्ग की ऐसी हालत देख डीएम वैभव श्रीवास्तव ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया और सरकार द्वारा चलाई जा रही नगदी योजना का तत्काल प्रभाव से लाभ दिलवाया. साथ ही उनका आशीर्वाद लिया. इसके अलावा डीएम ने विजय पाल सिंह को 11 हजार नगदी, छड़ी, शाल सहित शौचालय और पात्र गृहस्थी का राशन कार्ड बनवाकर दिया.

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