पिता की जिंदगी के बचे थे 6 महीने, बेटे ने अपना लीवर देकर बचा ली जान

बाप-बेटे का रिश्ता बहुत ही मजबूत होता है. आज हम आपको एक उस बेटे के बारे में बता रहे हैं जिसने अपने पिता को नई जिंदगी दी. दरअसल इस युवक के पिता का लीवर खराब हो चुका था और डॉक्टर ने बताया कि उनके पास ज्यादा समय नहीं है. उनका लिवर ट्रांसप्लांट करना होगा. लीवर कौन डोनेट करेगा, यह बड़ा सवाल था.

बेटे को जब पता चला कि पापा का लीवर खराब है तो वह हैरान रह गया, क्योंकि उसके पिता ने कभी सिगरेट और शराब को हाथ तक नहीं लगाया था. डॉक्टर ने कहा- बिना डोनर के उनके पास केवल 6 महीने बचे हैं. तो बेटा खुद को लाचार महसूस करने लगा. पिता अपने बेटे को ग्रेजुएट होते देखना चाहते थे. इस वजह से घर का माहौल उदासी भरा हो गया था.

इसी दौरान कोविड की दूसरी लहर आ गई, जिससे बेटा संक्रमित हो गया और आइसोलेशन में चला गया था. पिता को हिम्मत देने के लिए बेटा उनसे वीडियो कॉल पर बात करता और लूडो में हार जाता. बेटे के ठीक होते ही पिता वायरस की चपेट में आ गए, जिनको हर रोज हॉस्पिटल ले जाना पड़ता. फिर एक दिन बेटे ने कहा- मैं अपना लिवर डोनेट करूंगा. अच्छी बात यह रहे कि बेटे का लीवर पिता से मैच हो गया.

लेकिन उसका लीवर फैटी था. इसलिए उसने एक्सरसाइज की और खाने पीने पर ध्यान दिया. कुछ दिन बाद टेस्ट हुआ जिसमें सब कुछ सही निकला और फिर डॉक्टर ने सर्जरी की सलाह दी. लेकिन पिता चिंतित थे कि कहीं इस वजह से आगे चलकर बेटे को कोई परेशानी ना हो. लेकिन बेटे ने कहा- आपकी लड़ाई मेरी भी है. हम हारने वाले नहीं हैं. सर्जरी में लगभग 20 लाख रुपय़े खर्च हुए.

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