पिता के अंतिम समय मे नहीं थी साथ, इसलिए अफसोस में 8 सालों से गरीब बेसहारा लोगों की मदद कर रही बेटी

सड़क किनारे बेसहारा लोगों को दूसरों की मदद की जरूरत रहती है इन लोगों के परिवार वाले नहीं होते, ना ही स्थाई ठिकाना होता है, ना खाने पीने की व्यवस्था. लोगों के पास दूसरों के बारे में सोचने का समय ही नहीं होता. समाज में कुछ ऐसे संस्थान है, जो ऐसे लोगों की देखभाल करते हैं. लेकिन आज हम आपको राजकोट की जल्पा पटेल के बारे में बता रहे हैं, जो पिछले 8 सालों से सड़क किनारे और स्टेशन के पास रहने वाले इन बेसहारा लोगों की मदद कर रही हैं.

उन्होंने 4 महीने पहले साथी ग्रुप नाम से अपने एनजीओ का रजिस्ट्रेशन भी करवाया है. इस नेक काम में कुछ और लोग भी उनकी मदद करते हैं. साथी ग्रुप फुटपाथ पर रहने वाले बेसहारा लोगों के खाने-पीने, कपड़े, दवाइयों आदि की व्यवस्था करता है. फिलहाल जल्पा इन लोगों के रहने के लिए घर का इंतजाम करने में लगी हुई है.

जल्पा का राजकोट में एक सुपरमार्केट है और रिधम कार जोन नाम का ऑटोमोबाइल शोरूम भी है. जल्पा शुरुआत से ही जरूरतमंद और गरीब लोगों की मदद करना चाहती थीं. लेकिन उनके ऊपर बहुत सारी जिम्मेदारियां थीं, जिस वजह से वह ऐसा नहीं कर पाती थी. 2013 में जल्पा के पिता का दिल का दौरा पड़ने की वजह से निधन हो गया. उस समय जल्पा ऑफिस में थी और उन्हें आज तक इस बात का अफसोस है कि वह अपने पिता के अंतिम समय में उनके साथ नहीं थी.

इसी वजह से जल्पा ने ठान लिया कि वह जरूरतमंदों की मदद करेगी. जल्पा पिछले 8 सालों से अपने खर्चे से ऐसे लोगों की मदद कर रही हैं. इस काम में उनके दोस्त और परिवार वाले भी उनका साथ देते हैं. जल्पा को सोशल मीडिया से भी काफी मदद मिल रही है. कई लोग उनके साथ जुड़ चुके हैं. फिलहाल इस ग्रुप में लगभग 40 से 45 लोग जुड़े हुए हैं. साथी ग्रुप हर रोज 400 से 500 लोगों के लिए को भोजन करवाता है.

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