प्रेरणा: गरीबी इतनी की किताब खरीदने के लिए नहीं थे पैसे, अखबार पढ़कर की तैयारी और बन गई IAS ऑफिसर

संघर्ष करने पर ही सफलता मिलती है. आज हम आपको आईएएस ऑफिसर एनीस कनमनी जॉय के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने गरीबी से लड़कर सफलता हासिल की. एनीस कनमनी जॉय कर्नाटक के कोडागु जिले में डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात हैं. उन्होंने कोरोना काल में राज्य में सुरक्षा के लिए कड़ी मेहनत की. साथ ही लोगों को भी जागरूक किया.

एनीस कनमनी जॉय के पिता किसान हैं. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी. उनके पास किताब खरीदने तक के पैसे नहीं थे. इस वजह से वह अखबार से तैयारी करती थीं. शुरुआत में वह नर्स की नौकरी करती थी. बाद में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की. 2012 की यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने 65वीं रैंक हासिल की थी.

पढ़ाई में वे शुरुआत से ही अच्छी थीं. उन्होंने एमबीबीएस की परीक्षा देने के बाद में नर्सिंग में ग्रेजुएशन किया. एनीस के पिता की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि वह किताब भी नहीं खरीद सकती थी. वह बिना कोचिंग के न्यूज़पेपर से तैयारी करती थीं. 2010 में उन्होंने 580 रैंक हासिल की थी. लेकिन उनके पिता उन्हें आईएएस अधिकारी बनते देखना चाहते थे. एनीस को जब पता चला कि वह परीक्षा में पास हो गई हैं, उस समय वह ट्रेन में सफर कर रही थी.

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