बेटी को पढ़ाने पर रिश्तेदार मारते थे ताना, लेकिन संजल ने दुनिया भर में देश का नाम किया रोशन

यह कहानी है महाराष्ट्र के छोटे से शहर कल्याण से ताल्लुक रखने वाली संजल गावंडे की, जिन्होंने पहले रेसिंग कार डिजाइन की और फिर अमेरिका में अंतरिक्ष रॉकेट बनाने वाली टीम का हिस्सा बन गई हैं. संजल ने ना केवल महाराष्ट्र का, बल्कि देश का नाम दुनिया भर में रोशन किया. संजल का जन्म कल्याण के कोलसेवाड़ी परिसर के हनुमान नगर इलाके में हुआ.

संजल ने कोलसेवाड़ीके मॉडल स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की. इसके बाद बिरला कॉलेज से उन्होंने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की और फिर उन्होंने वासी के फादर एग्नेल कॉलेज में एडमिशन लिया. 2011 में उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री भी हासिल कर ली. फिर उन्होंने जीआरई, टोफेल जैसी कठिन परीक्षा में भी सफलता हासिल कर ली.

फिर संजल ने मिशिगन टेक यूनिवर्सिटी, यूएसए में एमएस के पद के लिए आवेदन किया और आखिरकार उन्हें ब्लू ओरिजिन कंपनी ने न्यू शेफर्ड मिशन के लिए चुन लिया. संजल का यह बचपन का सपना था, जो पूरा हो गया. संजल को 2018 में कमर्शियल पायलट का लाइसेंस मिला. वह महिला पायलटों के 90-90 अंतरराष्ट्रीय संगठन की अध्यक्ष बन गई है.

संजल की इस कामयाबी से सबसे ज्यादा खुशी उनके माता-पिता को हुई. जब संजल के पिता ने उनका एडमिशन मेकेनिकल इंजीनियरिंग कॉलेज में करवाया था तो उनके रिश्तेदारों ने यही कहा था कि लड़की को इंजीनियरिंग क्यों करवा रहे हो. कोई फायदा नहीं है. लेकिन उनके माता-पिता ने किसी की नहीं सुनी और अपनी बेटी को पढ़ाया. संजल ने अपने माता-पिता का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया.

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