भूलकर भी कार्तिक पूर्णिमा की दिन ना करे ये गलतियां, होगा हानि, जाने स्नान का शुभ मुहूर्त

सनातन धर्म में कार्तिक का महीना सबसे पवित्र महीना माना जाता है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार आठवां माह होता है यह सबसे ज्यादा पवित्र और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण महीना होता है। इसी में बहुत से पर्व होते हैं इसी माह में कार्तिक पूर्णिमा के दिन का भी बहुत विशेष महत्व है यह पर्व हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन स्नान और दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और ऐसा माना जाता है कि इस दिन यदि आप शुभ मुहूर्त में स्नान और दान करते हैं तो आपको कई जन्मों के पापों से मुक्ति प्राप्त होती है। विष्णु पुराण के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

क्यों कहा जाता है इसे त्रिपुरी पूर्णिमा
कार्तिक पूर्णिमा के दिन को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है इसके पीछे एक पौराणिक मान्यता है जिसके अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस दिन महादेव ने त्रिपुरासुर नामक एक असुर का संघार किया था जिसकी वजह से इसे त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन दान पूर्ण करना बहुत ही लाभदायक और फलदायक होता है। इस वर्ष 19 नवंबर 2021 को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करने का शुभ मुहूर्त 19 नवंबर 2021 शुक्रवार को ब्रह्म मुहूर्त से दोपहर 2:00 बजे तक का है।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन करें यह काम
●हिंदू सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का दिन सबसे पवित्र माना जाता है इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके उगते हुए सूरज को यदि अर्घ देते हैं तो यह बहुत ही फलदायक होता है।
●इसके अलावा इस दिन दान पूर्ण करने से भी बहुत से पापों का नाश हो जाता है।
●यदि कुंडली में चंद्रमा आपका कमजोर है तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन चावल का दान करने से आपको बहुत लाभ प्राप्त होगा।
●इस दिन यदि आप तुलसी पूजा करते हैं और दीपदान करते हैं तो आपको बहुत से पुण्य की प्राप्ति होती है।
●किसी जरूरतमंद और गरीबों को दान करने से भी आपको बहुत पुण्य की प्राप्ति होती है।

भूलकर भी कार्तिक पूर्णिमा के दिन ना करें इन गलतियों को
●कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत ही शुभ होता है इस दिन तामसिक भोजन का सेवन करने से हमें बचना चाहिए।
●यदि आप चंद्रमा के दुष्प्रभाव से बचना चाहते तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
●कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर पर किसी तरह की लड़ाई- झगड़े,मतभेद करने से बचना चाहिए।
●इस दिन गरीब और असहाय लोगों का अपमान भी नहीं करना चाहिए।
●कार्तिक पूर्णिमा जैसे पवित्र दिन किसी से बहस ना करें साथ ही किसी का अपमान भी ना करें।
●इस दिन नॉनवेज शराब का सेवन ना करें नहीं तो आपको बहुत सी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।
●कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी के पौधे को उखाड़े नहीं और तुलसी के पत्तों को भी ना तोड़े। इसकी बजाय यदि आप इस दिन तुलसी जी की पूजा करते हैं तो आपको पुण्य की प्राप्ति होती है।
●कार्तिक पूर्णिमा के दिन उड़द दाल, मसूर दाल, करेला, बैगन का सेवन नहीं करना चाहिए।
●कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी भी बुजुर्ग, अपने घर के बुजुर्ग व मां-बाप का अपमान भी करने से भी बचना चाहिए।

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