भोजन करते वक्त कभी भी ना बैठे इन दिशाओं पर, नहीं तो घर में आ जायेगी परेशानियां

भारतीय परंपरा के अनुसार भोजन के करते वक्त घर का माहौल बहुत ही अच्छा होना चाहिए अच्छी भावना और अच्छे वातावरण का भी बहुत महत्व भोजन करते वक्त होता है। यदि हम भोजन के सभी नियमों का पालन करेंगे तो व्यक्ति के जीवन में कभी भी किसी प्रकार की कोई भी परेशानी नहीं होगी। ऐसे में वास्तु शास्त्र के अनुसार और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर कार्य को करने के लिए उसकी सही दिशा और सही तरीके और सही नियम को अपनाना बहुत जरूरी होता है, तभी हम को यह शुभ फल देता है। ऐसे में भोजन करते वक्त भी सही दिशा और सही तरीके का ज्ञान होना बहुत जरूरी है, अगर हम इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो हमें बहुत सी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है और यह वास्तु दोष का कारण भी बन सकता है साथ ही हमारे ग्रह नक्षत्र भी गड़बड़ा सकते हैं इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि भोजन करते वक्त किस दिशा में बैठकर भोजन करना चाहिए और साथ ही भोजन करने के कुछ नियम जिनका यदि आप पालन करते है तो आपके जीवन में खुशियां और सुख समृद्धि आएगी।

भोजन करने की सही दिशा जान ले
भोजन करते वक्त आप कभी भी दक्षिण और पश्चिम दिशा में बैठकर भोजन नहीं करें।दक्षिण दिशा में यदि आप बैठकर भोजन करते हैं तो इससे आपको पित्र दोष लगता है और पश्चिम दिशा में बैठकर भोजन करने से रोग का खतरा होता है। भोजन करने की सही दिशा उत्तर दिशा ही होती है इसी दिशा में बैठकर हर व्यक्ति को भोजन करना चाहिए इससे उन्हें मानसिक शांति के साथ-साथ स्वास्थ संबंधी भी फायदे बहुत होंगे।

भोजन करते वक्त इन नियमों का पालन अवश्य करें
■भोजन करते वक्त कभी भी बेड के ऊपर बैठकर भोजन ना करें साथ ही हाथ में रखकर या फिर टूटे-फूटे बर्तनों में भी भोजन करने से बचना चाहिए।

■भोजन करने से पहले अन्न के देवता तथा अन्नपूर्णा मा की स्तुति कर ले और उन्हें भोजन के लिए धन्यवाद कहे अपने भोजन से एक हिस्सा भगवान के भोग के तौर पर निकाल देना चाहिए।

■जब भी आप भोजन बनाने जाते हैं तो आप स्नान कर कर ही भोजन बनाए जिससे रसोई में अन्नपूर्णा माता आप प्रसन्न होगी।

■रोटी बनाते समय इस बात का ध्यान अवश्य रखें की पहली तीन रोटी निकाल दे जो गाय की होगी कुत्ते की होगी और तीसरी रोटी कौवे को होगी।

■भोजन करते वक्त हमेशा मौन रहे ज्यादा बात ना करें यह वास्तु के साथ वैज्ञानिक दृष्टि से भी सही है।

■कभी भी भोजन करते समय लड़ाई-झगड़ा, कलह-क्लेश से बचें शांत और सुखी वातावरण में भोजन करने से ही यह में भरपूर फायदा पहुंचाता है।

■यदि भोजन करते वक्त बात करना जरूरी है तो का सकारात्मक बातें ही करें गुस्से में या नाराज हो कर बातें ना करें।

■जमीन पर बैठकर भोजन करना बहुत ही ज्यादा अच्छा माना जाता है यह वास्तु दृष्टि के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टि से भी बहुत जरूरी है यदि आप जमीन पर नहीं बैठना चाहते हैं तो आप डाइनिंग टेबल पर बैठकर भोजन कर सकते हैं।

■कभी भी भोजन करने के तुरंत बाद पानी, चाय नहीं पीना चाहिए भोजन के पश्चात घुड़सवारी, दौड़ना, बैठना, शौच आदि भी नहीं करना चाहिए।

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