माँ लक्ष्मी के इन मंदिरों के दर्शन मात्र से पूरी हो जाती है सारी मनोकामना, जाने इनसे जुड़ी विशेष बाते

महालक्ष्मी देवी को धन की देवी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जीवन में सुख समृद्धि और वैभव महालक्ष्मी की कृपा से ही प्राप्त होती है। भारत एक हिंदू धर्म वाला देश है यहां पर विभिन्न देवी-देवताओं के अनेकों मंदिर उपस्थित है। यहां हर जगह मंदिर ही मंदिर उपस्थित है और सभी मंदिरों का अपना एक विशेष महत्व है और उससे जुड़ी पौराणिक कथाएं भी है। साथ ही इन मंदिरों से जुड़े अनेक चमत्कार भी देखने को मिलते हैं जो इस मंदिर को प्रसिद्ध बनाने में योगदान देते हैं। ऐसे में देवी मां लक्ष्मी के भी अनेकों मंदिर भारत में उपस्थित हैं महालक्ष्मी के अनेकों रूप में पूजा की जाती है देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग रूपों में महालक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी के मंदिर में जो पूजा अर्चना करने से जीवन से आर्थिक संकट, पैसों की समस्या और दुखों का अंत हो जाता है। ऐसे में बहुत से ऐसे प्रसिद्ध मंदिर उपस्थित उपस्थित है जहां पर दर्शन मात्र से ही सारे भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है। इन सब मंदिरों के निर्माण से जुड़ी बहुत सी कहानियां प्रचलित है। इन मंदिरों को कलाकृति और खूबसूरती के लिए भी बहुत प्रसिद्ध माना जाता है जहां सिर्फ दर्शन मात्र से ही सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है तो आज इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं।

चेन्नई का अष्टलक्ष्मी मंदिर
चेन्नई में स्थित अष्टलक्ष्मी मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध और पुराना मंदिर है। यह चेन्नई के इलियट समुद्र के पास स्थित है इस मंदिर की खासियत यह है कि यह लगभग 65 फीट लंबी और 45 फीट चौड़ा है। मंदिर में देवी लक्ष्मी के 8 रूपों की पूजा अर्चना की जाती है। इन सभी स्वरूपों को 4 मंजिल के बने इस मंदिर में आठ अलग-अलग कमरों में स्थापित किया गया है इस मंदिर में देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु दोनों ही विराजमान है इस मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है।

महालक्ष्मी मंदिर मुंबई
भारत के मुंबई शहर के आसपास और बहुत से महालक्ष्मी के मंदिर उपस्थित है ऐसे में मुंबई शहर का सबसे पुराना मंदिर में से एक है। महालक्ष्मी मंदिर जो बहुत प्रसिद्ध है यह अरब सागर के किनारे स्थित है यह मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है मुंबई के इस मंदिर में धन की देवी महालक्ष्मी के साथ-साथ महाकाली, महासरस्वती की भी पूजा अर्चना की जाती है। यहां पर जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर आता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है यहां पर दर्शन मात्र से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं इसलिए यह बहुत प्रसिद्ध और पुराने मंदिर में से एक है।

लक्ष्मी नारायण मंदिर नई दिल्ली
दिल्ली के लक्ष्मी नारायण मंदिर की इतिहास की बात करें तो यह 1622 में वीर सिंह देव के द्वारा बनाया गया था। उसके बाद 1793 में पृथ्वी सिंह ने इसका निर्माण कराया अंत में 1938 में बिड़ला समूह ने इसका फिर से निर्माण कराया जिसकी वजह से इसे बिरला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर से मान्यता है कि भक्त यहां से कभी भी खाली हाथ नहीं जाते। मां के दर्शन को पहुंचे लोगों की मुरादे यहां जरूर पूरी होती है इस मंदिर में मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु जी भी विराजमान है।

पद्मावती मंदिर तिरुपति
तिरुपति के पास स्थित पीरु पूरा में स्थित पद्मावती का मंदिर भी बहुत ज्यादा प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है आंध्र प्रदेश के तिरुपति के पास ही यह जगह उपस्थित है जो लोग भी तिरुपति जाते हैं वे इस मंदिर में जरूर जाते हैं। तिरुपति बालाजी के मंदिर में मनोकामना तभी पूरी होती है जब आप तिरुपति बालाजी के साथ मां पद्मावती का भी आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार देवी पद्मावती का जन्म कमल के फूल से हुआ है जो इसी मंदिर के तालाब में खीला था। इसलिए इस मंदिर को बहुत ज्यादा प्रसिद्ध माना जाता है और इसीलिए यहां पर सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

महालक्ष्मी मंदिर श्रीपुरम
त्रिपुरा में स्थित महालक्ष्मी मंदिर दक्षिण भारत का स्वर्ण मंदिर कहा जाता है तमिलनाडु के वैल्यू जिले में श्रीपुर गांव में स्थित या मंदिर बहुत ज्यादा पुराना है ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर के निर्माण में 15000 किलो के सोने का इस्तेमाल किया गया था यह मंदिर 100 एकड़ में बना हुआ है पहले आम भक्तों के लिए इस मंदिर के दर्शन बंद हुआ करते थे लेकिन 2007 से सभी लोगों के लिए इस मंदिर के द्वार खोल दिए गए हैं।

महालक्ष्मी मंदिर इंदौर
इंदौर में स्थित महालक्ष्मी के मंदिर का निर्माण 1832 में मल्हार राव ने कराया था। इसके बाद 1933 में इस मंदिर में भयानक आग लगने की वजह से जब पूरी तरह से नष्ट हो गया फिर 1942 में इसे पुनः बनाया गया मुंबई में महालक्ष्मी मंदिर के तर्ज पर इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां पर महालक्ष्मी की प्रतिमा 7000 वर्षों पुरानी मानी जाती है और इस प्रतिमा का वजन लगभग 40 किलो है और इसकी लंबाई लगभग 4 फीट है।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*