आज हम आपको झारखंड में रजरप्पा के सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड टाउनशिप में चपरासी का काम करने वाली सुमित्रा देवी की कहानी बता रहे हैं जिनके बेटे आज उच्च पदों पर कार्यरत हैं. उनका एक बेटा जिला कलेक्टर, दूसरा बेटा डॉक्टर और तीसरा बेटा रेलवे इंजीनियर है.
सुमित्रा देवी ने बच्चों को पढ़ाया. उनके बेटे वीरेंद्र कुमार रेलवे इंजीनियर है. जबकि धीरेंद्र कुमार डॉक्टर और महेंद्र कुमार बिहार में सिवान के जिला कलेक्टर है. सुमित्रा देवी ने अपने बेटों की अच्छी नौकरी लगने के बाद भी अपनी नौकरी नहीं छोड़ी. सुमित्रा देवी ने 30 साल पहले सड़कों की साफ-सफाई से अपना काम शुरू किया था.
अपने बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने कई त्याग किए. उनके बेटे महेंद्र कुमार ने कहा- जीवन में कोई भी काम मुश्किल नहीं है, अगर इमानदारी से कड़ी मेहनत की जाए. मेरी मां ने हमें कभी टूटने या निराश नहीं होने दिया. हमने जीवन में काफी मुश्किल समय देखा है. मुझे गर्व है कि हम उनकी कड़ी मेहनत और उम्मीदों पर खरे उतर पाए.
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