कार्तिक माह आज से शुरू हो गया है, इसे सभी महिनो में सबसे ज्यादा उत्तम माना गया है। हिंदू कैलेंडर में कार्तिक का महीना आठवां महीना होता है इस महीने को सबसे पवित्र माना जाता है और ऐसा भी कहा जाता है कि यह ध्यान और उत्सव के साथ आत्मा को जगाने का महीना है। पौराणिक मान्यता के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस महीने में ही भगवान विष्णु पृथ्वी पर अपने भक्तों के बीच जल में निवास करते हैं क्योंकि इसी महीने भगवान विष्णु निंद्रा से जागते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि इस महीने भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया था।
इस महीने ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने से सभी तीर्थों का फल प्राप्त होता है। इसके साथ ही दीपदान का भी एक विशेष महत्व है कार्तिक मास में बहुत से त्यौहार आते हैं। यह महीना सबसे पवित्र माना जाता है। ऐसे में यदि हम पुण्य अर्जित करना चाहते हैं और अपनी जिंदगी से परेशानियों को दूर करना चाहते हैं तो यह सबसे उत्तम महीना है पूजा अर्चना करके हम देवी देवताओं को प्रसन्न कर सकते हैं और उनकी विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
जाने कब से शुरू हो रहा है कार्तिक का महीना
हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक का महीना आठवां महीना होता है आमतौर पर कार्तिक का महीना अक्टूबर और नवंबर को मिलाकर 30 दिन का होता है। इस वर्ष कार्तिक का महीना 21 अक्टूबर से शुरू होकर 19 नवंबर तक चलेगा। एक पौराणिक मान्यता के अनुसार इस महीने भगवान विष्णु 4 माह की लंबी निंद्रा के बाद जागते हैं। इस वजह से विभिन्न प्रकार के पर्व इस महीने में मनाए जाते हैं।
कार्तिक महीने में तुलसी की पूजा का विशेष महत्व
भगवान विष्णु को अगर आप प्रसन्न करना चाहते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो तुलसी की पूजा नियम पूर्वक करने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है। भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय होती है इसलिए यदि आप पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ मां तुलसी की पूजा अर्चना करते हैं तो आपको भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
एक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने तुलसी को वरदान दिया था कि मुझे शालीमार के नाम से तुलसी के साथ ही पूजा जाएगा और जो व्यक्ति बिना तुलसी मेरी पूजा करेगा उसका भोग में स्वीकार नहीं करूंगा। इस वजह से कार्तिक का महीना तुलसी का पूजा करने के लिए सबसे उत्तम है इसी महीने एकादशी के दिन तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है और ऐसा भी माना जाता है कि तुलसी विवाह के दिन ही भगवान विष्णु 4 महीने की निद्रा से जागते हैं।
सुख शांति के लिए अवश्य करें तुलसी का पूजा
शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास में तुलसी जी की पूजा अर्चना करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है। तुलसी की पूजा से महालक्ष्मी व कुबेर की कृपा प्राप्त होती है इस महीने में सुबह शाम तुलसी की पूजा करने से घर में सुख शांति का वास होता है और संपन्नता आती है।
शास्त्रों के अनुसार तुलसी के चारों ओर स्तंभ लगाकर उसे तोरण से सजा देना चाहिए और इस स्थान पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना चाहिए। रंगोली में अष्टदल कमल के साथ ही शंख, चक्र व गाय का पैर बनाकर पूजा करनी चाहिए। तुलसी का आवाहन करके धूप, दीप, रोली, सिंदूर, चंदन, अवैध व वस्त्र अर्पित करना चाहिए तुलसी की चारों दीपक जलाकर उसकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
जाने कार्तिक में किन चीजों को करने से मिलता है पुण्य
■कार्तिक मास में दान का एक विशेष महत्व है। इस माह में किया गया दान बहुत ही ज्यादा शुभ फल देता है इस महीने का दान कई जन्मों तक शुभ फल देता है।
■कार्तिक के महीने में भगवान विष्णु की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है इसलिए इस महीने रोज सूर्यास्त के बाद तिल के तेल का दीपक जलाने से समृद्धि और मुक्ति मिलती है और आपको मानसिक शांति प्राप्त होती हैं और क्रोध अहंकार दूर होता है।
■कार्तिक के महीने में गुरुवार को तुलसी के छोटे से पौधे को पीले कपड़े में बांधकर ऑफिस या दुकान पर रखें इससे आपको नौकरी और व्यापार में सफलता प्राप्त होगी।
■कार्तिक माह के पहले सोमवार को सुबह स्नान करने के बाद तुलसी के 5 पत्ते तोड़ ले और भगवान शिव व भगवान विष्णु को ध्यान करें इसके बाद इन पत्तों को गंगाजल से धो लें और पूरे दिन पूजा के स्थान पर रख दें इसके बाद रात को सोने से पहले इन पत्तों को अपने तकिए के नीचे रखकर सोये और भगवान शिव से यह प्रार्थना करें कि हे प्रभु मेरे जीवन में सभी कष्ट दूर हो और मेरी मनोकामना पूरी हो।
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