भारतीय जवानों में साहस, शौर्य की कोई कमी नहीं है. वह हर समय अपने देश पर कुर्बान होने को तैयार रहते हैं. कई बार देश की सेवा करते हुए उनके साथ हादसे हो जाते हैं. लेकिन फिर भी उनका मनोबल नहीं टूटता. आज हम आपको ऐसे ही जांबाज अभिषेक निर्मलकर के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने एक हादसे में अपने दोनों पैर गवां दिए. पैर से विकलांग होने के बावजूद भी आज वह अपनी ड्यूटी कर रहे हैं.
जब अभिषेक के साथ यह हादसा हुआ, तब वह एटीएस में कार्यरत थे और हर रोज भिलाई से रायपुर जाया करते थे. एक बार दानापुर एक्सप्रेस से वह जब घर आ रहे थे तो ट्रेन के गेट पर अचानक बोगी में धक्का-मुक्की शुरू हो गई जिसकी वजह से वह नीचे गिर गए और दोनों पैर बुरी तरह जख्मी हुए. उन्हें जब होश आया तो वह अस्पताल में थे. उनका एक पैर कट चुका था और दूसरा पैर भी बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ था, जिसे डॉक्टरों ने काटने के लिए कहा.
अगले दिन अभिषेक का दूसरा पैर भी कट गया. इस हादसे के बाद वह डिप्रेशन में चले गए. लेकिन उनके परिवार ने उनका मुश्किल घड़ी में साथ दिया. 6 महीने तक डिप्रेशन में रहने के बाद वह अपने परिवार की मदद से ठीक से बाहर आ गए. हालांकि अभिषेक ने कृत्रिम पैरों के सहारे चलना शुरू कर दिया.
6 महीने उन्हें काफी परेशानी हुई. लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे कृत्रिम पैरों के सहारे चलना सीख लिया. एटीएस के अधिकारियों ने भी उनकी बहुत मदद की और फिर से उन्हें ड्यूटी ज्वाइन करने की इजाजत मिल गई. अब अभिषेक हर रोज मोटरसाइकिल चलाकर ड्यूटी पर जाते हैं.
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