
अगर एक कारपेंटर की बेटी IPS अधिकारी बन जाए तो उस पिता के लिए इससे गर्व की बात और क्या होगी. 2009 बैच की IPS अधिकारी संगीता कालिया मिडिल क्लास फैमिली से आती है. संगीता के पिता धर्मपाल पुलिस विभाग में कारपेंटर के रूप में काम करते थे. बचपन से ही संगीता पढ़ने में तेज थी. 2010 में संगीता के पिता धर्मपाल रिटायर हो गए.
हालांकि उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाने में किसी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ी. वह अपनी बेटी को बड़ा अधिकारी बनाना चाहते थे और बेटी संगीता ने भी अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए खूब मेहनत की. 2005 में संगीता ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी, जिसमें वह सफल हो गईं. लेकिन उन्हें रेलवे में नौकरी मिली थी.
संगीता ने सिविल सेवा में जाने के लिए कई नौकरियां छोड़ दी. 2009 में संगीता ने जब तीसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी, इस बार उन्होंने परीक्षा पास कर ली और उन्हें हरियाणा में आईपीएस कैडर मिल गया. इसके बाद उन्होंने ट्रेनिंग ली और वह उसी जिले में एसपी बनकर पहुंच गई, जहां उनके पिता कारपेंटर के रूप में काम किया करते थे.
संगीता की छवि एक सख्त और ईमानदार आईएएस अधिकारी की है. संगीता 15-15 घंटे तक काम करती हैं. वह अपना सारा काम खत्म करके ही घर वापस लौटती हैं. संगीता समाज की बाकी महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत हैं.
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