कई ऐसी कहानियां सुनने को मिल जाती हैं, जिससे लोगों को प्रेरणा मिलती है. कुछ कर दिखाने का जज्बा सबमें नहीं होता. आज हम आपको तेजल आहेर की कहानी बता रहे हैं जिनका बचपन बेहद गरीबी में बीता. उन्हें कई बार तो रात को भूखे पेट ही सोना पड़ता था. लेकिन फिर भी उन्होंने अपने सपनों को कमजोर नहीं होने दिया.
महाराष्ट्र के नासिक जिले में जन्मी तेजल की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी. उनके माता-पिता दो वक्त का खाना भी नहीं जुटा पाते थे. बारिश की वजह से फसल बर्बाद हो जाती थी जिस वजह से गांव के ज्यादातर किसान आत्महत्या कर लेते. लेकिन तेजल को बचपन से ही पढ़ाई में काफी रुचि थी.
तेजल स्कूल से आने के बाद घर का पूरा काम करती थीं और अपनी पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान देती थीं. वह महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की परीक्षा के लिए तैयारी भी करती रही. हालांकि पैसे ना होने की वजह से उन्होंने कोचिंग ज्वाइन नहीं की. तेजल सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक पढ़ाई करती थी. वह कुछ दिनों के लिए घर से बाहर ही रही थी. उनके ऊपर घर की जिम्मेदारी भी होती थी.
हालांकि उनके माता-पिता उनकी पढ़ाई के प्रति उनकी लगन को देखकर बहुत खुश रहते थे. तेजल ने कड़ी मेहनत कर 2017 में एक पुलिस अधिकारी का पद हासिल किया. 7 जनवरी 2020 को नासिक में उनका प्रशिक्षण शुरू हुआ और 7 अप्रैल 2021 को मुंबई में उन्होंने नौकरी ज्वाइन की।
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