बीमार पिता के पास ना तो खेत जोतने को थे बैल और ना मशीनरी, फिर किसान की बेटियों ने खुद जोत दिया पूरा खेत

गरीब किसान हमेशा से ही आर्थिक तंगी से जूझता रहा है. लेकिन मुश्किल परिस्थितियों में भी वह हिम्मत नहीं हारता. कर्नाटक के किसान परिवार से हाल ही में ऐसा मामला सामने आया है. कर्नाटक के धारवाड़ जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले किसान कलप्पा जवूर के पास ना तो खेत जोतने के लिए बैल थे, ना ही कोई मशीनरी थी. फिर भी वह खेती करना चाहते थे. लेकिन उन्हें इस काम में काफी दिक्कतें आई.

जवूर की तीन बेटियां हैं जिन्होंने खेत को जोतने में अपने पिता की पूरी मदद की. जवूर 1 एकड़ जमीन पर खेती करना चाहते थे. लेकिन वह पैसों की कमी के चलते खेत जोतने के लिए ना तो बैल और ना ही मशीनरी किराए पर ले सकते थे. ऐसे में उनकी बेटियों ने अपने पिता की मदद करने की ठान ली. सोशल मीडिया पर इस किसान परिवार का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है जिसमें सभी हल खींचते हुए नजर आ रहे हैं. लोग इनकी मदद भी कर रहे हैं.

बता दें कि कल्लप्पा गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. उनकी दो बार सर्जरी हो चुकी है. लेकिन जब उनका स्वास्थ्य ठीक हुआ तो उन्होंने खेती करने की सोचा. बीमारी में उनका पैसा खर्च हो गया, जिस वजह से उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. तब उनकी बेटी मेघा और बेटी साक्षी ने खुद खेत में हल चलाया और सोयाबीन की बुवाई करने में अपने पिता की मदद की.

कलप्पा जवूर की तीनों बेटियां पढ़ाई कर रही हैं. उनकी बड़ी बेटी मेघा हुबली से कंप्यूटर डिप्लोमा कर रही है. जबकि उनकी बेटी साक्षी दसवीं कक्षा में और तीसरी बेटी सरला सातवीं कक्षा में पढ़ रही हैं. जवूर अपनी बेटियों को पढ़ाना चाहते हैं. इस वजह से वह ज्यादा से ज्यादा मेहनत कर पैसा कमाने की कोशिश कर रहे हैं.

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