अप्रैल-मई के महीने में देश के कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत हो गई थी. ऐसे कई वीडियो सामने आए थे. हालांकि कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने इस संकट की घड़ी में लोगों की मदद की. इनमें से एक सीता देवी भी हैं जो चेन्नई की रहने वाली है. सीता देवी की मां का राजीव गांधी गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल में डायलिसिस हो रहा था और इस दौरान वह कोरोना संक्रमित हो गई.
घंटों इंतजार करने के बाद भी उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिली. सीता ने बताया कि उनकी मां को ऑक्सीजन बैड पाने के लिए 12 घंटे तक इंतजार करना पड़ा. एंबुलेंस में भी ऑक्सीजन लेवल कम था. हम उन्हें एक से दूसरे एंबुलेंस में ट्रांसफर कर रहे थे. लेकिन उनका निधन हो गया. सीता कहती है कि अगर उनकी मां को समय पर ऑक्सीजन मिल जाता तो शायद आज वह जीवित होती.
वह कहती है कि जैसा मेरी मां के साथ हुआ, ऐसा किसी और के साथ ना हो. इसीलिए मैंने सोच लिया कि मैं ऑटो रिक्शा से अस्पताल के बाहर ऑक्सीजन की सप्लाई करूंगी. किसी तरह से सीता ने एक ऑटो रिक्शा अरेंज किया और उसमें ऑक्सीजन सिलेंडर लगाई और फ्लो मीटर की व्यवस्था करवाई.
फिर उन्होंने जरूरतमंद लोगों को अक्सीजन की सप्लाई करना शुरू कर दिया और इस तरह से लगभग 800 लोगों की जान बचाई. इन लोगों को अगर समय पर ऑक्सीजन ना मिलता तो शायद उनकी जान चली जाती. इस काम में उनकी मदद सरत कुमत और मोहनराज ने भी की. सीता हर रोज सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक लोगों को ऑक्सीजन सप्लाई करती थी.
Leave a Reply