अगर कुछ कर दिखाने की चाहत हो तो सब कुछ किया जा सकता है. अक्सर लोग सिस्टम को कोसते रहते हैं और कुछ करते नहीं है. लेकिन यह कहानी है महिला आईएएस ऑफिसर गरिमा सिंह की, जिन्होंने एक आंगनवाड़ी केंद्र को गोद लिया और उसे मॉडर्न स्कूल जैसा बना दिया.
गरिमा सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के बालियां जिले के कथौली गांव में हुआ. उनके पिता ओंकार सिंह एक इंजीनियर है. गरिमा की शादी राहुल रॉय से हुई जो पेशे से इंजीनियर है. गरिमा ने कड़े संघर्ष और मेहनत के बाद आईएएस अधिकारी का पद हासिल किया.
वह अपनी दरियादिली की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहती हैं. 2015 की यूपीएससी परीक्षा में गरिमा ने 55वीं रैंक हासिल की थी. इससे पहले आईपीएस अधिकारी थी. गरिमा की जब झारखंड के हजारीबाग में पोस्टिंग हुई तो उन्होंने मटवारी मस्जिद हजारीबाग की आंगनवाड़ी को गोद ले लिया और उसकी जर्जर हालत देख उन्होंने इसे बदलने का निर्णय किया.
उन्होंने अपने पैसे खर्च करके आंगनवाड़ी केंद्र की हालत बदल दी और इस इमारत को बेहतर बनाया. उन्होंने इस इमारत में बच्चों के खिलौनों की व्यवस्था करवाई, खेल का सामान जुटाया और ऐसी व्यवस्था कि बच्चे पढ़ाई के साथ मस्ती भी कर सके और खेल सके. सरकार ने गरिमा के काम को देखते हुए 50 ऐसे सेंटरों के पुनर्निर्माण की घोषणा की.
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