उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से एक अनोखा मामला सामने आया है जहां पुलिस ने स्थानीय लोगों द्वारा बनाए गए कोरोना माता के मंदिर को तोड़ दिया. जैसे ही पुलिस को सूचना मिली कि कोरोना माता का मंदिर बनाकर अंधविश्वास फैलाया जा रहा है तो तुरंत पुलिस पहुंच गई और निर्माण को ढहा दिया. जब पुलिस वहां पहुंची तो लोग कोरोना माता की पूजा अर्चना कर रहे थे.
गांव के प्रधान शंकर लाल जायसवाल के मुताबिक, लगभग रात 9 बजे पुलिस यहां आई और मंदिर गिरा दिया. मंदिर का निर्माण करने वाले युवक को पूछताछ के लिए अपने साथ थाने ले गई. लेकिन जब इस बारे में एसओ सांगीपुर तुसार दत्त त्यागी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है. ना ही हम किसी युवक को पूछताछ के लिए अपने साथ लाए हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस इन दिनों पंचायत चुनाव में व्यस्त है.
खबर के मुताबिक, सांगीपुर के पूरे जूही में इस महामारी से 3 लोगों की मौत हो गई. इस वजह से ग्रामीणों में दहशत भर गई, जिसके बाद गांव के लोकेश श्रीवास्तव ने लोगों के साथ मिलकर 7 जून को ग्रामीणों की मदद से कोरोना माता की मूर्ति की स्थापना करवाई और कोरोना माता मंदिर का नाम दे दिया गया और उनकी पूजा करने लगे.
ग्रामीणों के मुताबिक इस मंदिर को लेकर कई नियम बनाए गए थे. ग्रामीणों का कहना था कि यह विश्व का पहला कोरोना माता का मंदिर है. मंदिर की दीवारों पर कुछ संदेश भी लिखे हुए हैं, जिनमें कृपया दर्शन से पूर्व मास्क लगाएं, हाथ धोएं, दूर से दर्शन करें वरना…… इस तरह के शब्द लिखे हैं.
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