सर्दी में शुरू कर दीजिए सरसों का साग खाना, होंगे यह सभी फायदे

सर्दी के मौसम में सरसों का साग खाना बहुत फायदेमंद माना जाता है। हममें से ज्यादातर लोग साग को सिर्फ स्वाद के लिए ही खाते हैं लेकिन इसके बहुत से फायदे होते हैं। सरसों का साग बहुत लोगों का पसंदीदा खाना होता है। सरसों का साग स्वाद के अलावा स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। सर्दियों में सरसों का साग शरीर को अंदर से गर्माहट पहुंचाने का काम करता है ऐसा इसलिए क्योंकि यह थोड़ा कड़वा होता है, सरसों में शक्तिशाली पोषक तत्व होते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं यह आपकी हेल्थ के लिए कितना फायदेमंद है वेट लॉस करना हो या कोलेस्ट्रोल कम करना हो, इसके अलावा त्वचा को सुंदर बनाने और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए भी सरसों का साग बहुत फायदेमंद होता है

बहुत से डाइटिशियंस भी सर्दी में सरसों का साग खाने की सलाह देते हैं इसमें विटामिन, मिनरल्स, फाइबर, और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है इसके पत्तों में फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है आप इसके पत्तों को कच्चा भी खा सकते हैं।

सरसों का साग खाने के फायदे

हृदय के लिए फायदेमंद– सरसों का साग खाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है और फोलेट का निर्माण अधिक होने लगता है इससे कार्डियोवैस्कुलर रोगों की आशंका नहीं होती और हृदय के लिए फायदेमंद माना जाता है।

खराब कोलेस्ट्रोल को कम करता है – खराब या एड्रियल कोलेस्ट्रोल से बचाने में सरसों का साग आपकी मदद करेगा, यह शरीर में बाइल बाइडिंग प्रक्रिया को कुशलता से पूरा करने में मदद करता है यह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।

वजन घटाने मे– सरसों का साग में कैलोरी की मात्रा काफी कम पाई जाती है जो कि वजन कंट्रोल करने में भी आपकी मदद कर सकता है सर्दी में वजन कंट्रोल करने के लिए आप सरसों के साग को अपने डाइट में शामिल जरूर करें।

हड्डी को मजबूत करता– सरसों के साग में कैल्शियम और पोटैशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो की हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ हड्डियों से जुड़ी समस्या जैसे जोड़ों के दर्द और बीमारियों से भी राहत पहुंचाता है।

कैंसर का खतरा कम करता है– सरसों का साग में एंटीऑक्सीडेंट बहुत मात्रा में पाया जाता है जो की ना केवल शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है बल्कि शरीर में इम्यूनिटी सिस्टम को भी बढ़ाता है इसके सेवन से ब्लैडर पेट, ब्रेस्ट, फेफड़े, प्रोस्टेट और ओवरी के कैंसर का खतरा कम होता है।

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