अगर कुछ करने की ठान ली जाए तो सब कुछ हासिल किया जा सकता है. आज हम आपको सेना में लेफ्टिनेंट बने सनवर अहमद के बारे में बता रहे हैं, जिनके पिता हवलदार रहे. सनवर अहमद के पिता 1998 में हवलदार पद से रिटायर हुए थे. सनवर अच्छे खिलाड़ी भी रहे. उन्होंने राज्य स्तरीय क्रिकेट खेल भी खेला और वह फुटबॉल में कमांड लेवल तक पहुंचे.
बता दें कि सनवर के अलावा कंकरखेड़ा स्थित तुलसी कालोनी में रहने वाले अनुराग ठाकुर ने भी लेफ्टिनेंट बनकर मिसाल कायम की. उनके पिता राजेंद्र पाल सिंह पूर्व सैनिक है. अनुराग में 12वीं की पढ़ाई के बाद नौकरी शुरू कर दी थी. लेकिन नौकरी में उनका मन नहीं लगा. इसके बाद उनके पिता के सुझाव पर वह सेना भर्ती रैली में शामिल हुए और 2013 में एक सिपाही के रूप में भर्ती हो गए.
4 साल तक सिपाही के रूप में नौकरी करने के बाद उन्होंने रोइंग स्पोर्ट्स खेलना शुरू किया. इसके बाद उन्हें आर्मी रोइंग नोड पुणे में प्रशिक्षण मिला. उन्होंने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली और कैडेट कालेज में 3 साल प्रशिक्षण और जवाहरलाल नेहरू बीवी से बीएससी की पढ़ाई की. वह आइएमए से एक साल का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद अधिकारी बन गए. उन्हें गढ़वाल रेजीमेंट में तैनाती मिली है.
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