जो बच्चे बचपन से ही पढ़ाई में तेज होते हैं, वह बड़े होकर अपने माता-पिता का नाम रोशन जरुर करते हैं. ऐसे ही कहानी है रवि मोहन सैनी की, जो आज गुजरात के पोरबंदर में पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत है. रवि मोहन सैनी मूल रूप से राजस्थान के अलवर के रहने वाले हैं. वह बचपन से ही पढ़ाई में काफी होशियार रहे. उनके पिता नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी है.
उनकी शुरुआती स्कूली पढ़ाई विशाखापट्टनम के नौसेना पब्लिक स्कूल से हुई. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि रवि ने 2001 में कौन बनेगा करोड़पति जूनियर में एक करोड़ रुपए जीते थे. उस समय उनकी उम्र केवल 14 साल थी और वह दसवीं कक्षा में पढ़ रहे थे. उन्होंने 15 सवालों के सही जवाब दिए थे.
रवि ने 12वीं के बाद महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया जिसके बाद वह इंटर्नशिप करने लगे. इसी दौरान उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा भी दी जिसमें वह पास हो गए. पहली बार रवि ने 2012 में यूपीएससी परीक्षा दी थी जिसमें वह मेंस में सफल नहीं हो पाए थे.
लेकिन 2013 में वह यूपीएससी परीक्षा में सफल हो गए और उन्हें भारतीय डाक और दूरसंचार विभाग में अकाउंट्स एंड फाइनेंस सर्विस के लिए चुना गया. लेकिन उनका लक्ष्य कुछ और ही था. इसीलिए 2014 में उन्होंने तीसरी बार फिर से यूपीएससी परीक्षा दी और 461वीं रैंक हासिल की जिस वजह से उनका चयन आईपीएस अधिकारी के रूप में हो गया.
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