6 साल में छोड़ दीं 12 सरकारी नौकरी, जानिए कैसे गरीब किसान का बेटा बना IPS अधिकारी

अगर लगातार मेहनत की जाए और धैर्य रखा जाए तो कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है. ऐसी ही कहानी है प्रेमसुख डेलू की, जो आईपीएस अधिकारी हैं. प्रेमसुख डीलू का जन्म किसान परिवार में हुआ था. उनके पिता खेती-बाड़ी करते थे. चार भाई-बहनों के परिवार में प्रेमसुख डेलू सबसे छोटे हैं. उनके पिता बेहद गरीब थे. खेती-बाड़ी के लिए ज्यादा जमीन नहीं थी.

प्रेमसुख जब पढ़ाई करके वापस आते थे तो अपने पिता की खेती बाड़ी में भी मदद करते थे. उनकी शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूल से हुई. प्रेमसुख ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान इतिहास विषय में गोल्ड मेडल हासिल किया था. हालांकि आर्थिक तंगी की वजह से उनके सामने पढ़ाई को लेकर कई तरह की समस्याएं आती थी. उनके पास किताब-कापियां खरीदने तक के भी पैसे नहीं होते थे.

लेकिन फिर भी उनके मां-बाप उनकी मदद करते रहे. प्रेमसुख सबसे पहले सरकारी नौकरी हासिल करना चाहते थे. उन्होंने 2010 में बीकानेर में पटवारी के लिए आवेदन किया और उन्हें यह नौकरी भी मिल गई. 2011 में उन्होंने B.Ed कर टीचर के पद पर काम किया. उन्होंने असिस्टेंट जेलर की भी नौकरी की. बाद में उनका चयन तहसीलदार के पद पर हुआ.

तहसीलदार के पद पर रहते हुए प्रेमसुख ने यूपीएससी परीक्षा के लिए भी तैयारी शुरू कर दी. लेकिन इस दौरान भी उनके सामने काफी मुश्किलें आई. वह नौकरी के बाद तुरंत पढ़ाई में लग जाते थे. वह बिल्कुल भी समय बर्बाद नहीं करते थे. 2015 में प्रेमसुख ने यूपीएससी परीक्षा दी, जिसमें उन्होंने 170वीं रैंक हासिल की और इस तरह उनका आईपीएस अधिकारी के पद पर चयन हो गया.

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