UPSC परीक्षा पास करना बच्चों का खेल नहीं है. जज्बा और जुनून हो तो कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं है. इसे सौम्या शर्मा ने सच कर दिखाया. बचपन से ही उनका आईएएस अधिकारी बनने का सपना था. उन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में 9 वीं रैंक हासिल की. लेकिन उनके सफर की कहानी बहुत मुश्किलों से भरी रही है.
जब सौम्या शर्मा 16 साल की थीं, तभी उनकी सुनने की क्षमता चली गई थी. लेकिन यह पता नहीं चला कि आखिर उनकी सुनने की क्षमता कैसे चली गई. 90 से 95 फ़ीसदी उनकी सुनने की क्षमता खत्म हो गई थी. सौम्या के माता-पिता ने कई डॉक्टर्स को दिखाया, उनका काफी इलाज करवाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
शुरुआती पढ़ाई सौम्या ने दिल्ली से की. जब वह नेशनल लॉ स्कूल में पढ़ रही थीं, तभी उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का निर्णय कर लिया था. हालांकि वह यह भी जानती थीं कि उनके लिए यह रास्ता बिल्कुल भी आसान नहीं होगा. हर साल लाखों अभ्यर्थी इसपरीक्षा में शामिल होते हैं. लेकिन फिर भी सौम्या ने मुश्किल रास्ते को चुना.
वह 2017 में यूपीएससी एग्जाम में बैठना चाहती थीं. लेकिन उनकी तैयारी पूरी नहीं थी, इसी वजह से उन्होंने इंतजार किया. सौम्या ने जब यूपीएससी परीक्षा दी तो वह पहले ही प्रयास में पास हो गई. सौम्या कहती हैं कि अगर आप यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं तो अपने नोट्स खुद बनाएं. इससे आपको परीक्षा की तैयारी करने में मदद मिलती है. आप एक ही टॉपिक को बार-बार और अलग-अलग किताबों से पढ़ें.
Leave a Reply