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अगर व्यक्ति में कुछ करने की इच्छा हो तो कोई भी चीज उसे नहीं रोक सकती. ऐसी ही कहानी है विशाल मेगा मार्ट के संस्थापक रामचंद्र अग्रवाल की, जिन्होंने दिव्यांग होने के बावजूद एक हजार करोड़ की कंपनी खड़ी कर ली. एक समय रामचंद्र अग्रवाल फोटोकॉपी की छोटी सी दुकान चलाते थे, जो उन्होंने कर्ज लेकर खोली थी. वह बचपन से ही पोलियो से पीड़ित थे और बिना सहारे के चल नहीं पाते थे.
फोटोकॉपी की दुकान चलाने के दौरान उन्होंने कोलकाता के लाल बाजार में एक गारमेंट शॉप खोली, जिसे उन्होंने 15 सालों तक चलाया. इसके बाद उन्होंने अपने व्यापार को बड़े स्तर पर पहुंचाने की सोची. 2001 में वह कोलकाता से दिल्ली आ गए जहां उन्होंने विशाल रिटेल के नाम से खुदरा व्यापार शुरु किया. व्यापार अच्छा चलने लगा और 2002 में उन्होंने दिल्ली में ही विशाल मेगा मार्ट नाम से पहली हाइपरमार्केट कंपनी स्थापित की.
उन्होंने अपनी कंपनी की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए बैंकों से भारी पैसा उधार लिया था. लेकिन 2008 में जब शेयर मार्केट में काफी गिरावट आई तो उनको 750 करोड़ का भारी नुकसान हुआ. इस नुकसान की भरपाई करने के लिए उन्हें अपनी कंपनी को बेचना पड़ा.
2011 में रामचंद्र अग्रवाल ने इसे को श्री राम ग्रुप को बेच दिया. हालांकि फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और v2retail नाम से एक कंपनी शुरू की, जहां किफायती दामों पर फैशनेबल उत्पाद मिलते हैं. v2retail की वेबसाइट के अनुसार, इस कंपनी के देशभर में 96 स्टोर्स हैं.
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