माता-पिता अपने बच्चों को पाल पोस कर बड़ा करते हैं. उनकी हर जरूरत पूरा करते हैं. बहुत ख्याल रखते हैं. लेकिन बदले में यह उम्मीद रखते हैं कि जब वह बड़े होंगे तो अपने माता-पिता का सहारा बनेंगे. लेकिन आजकल दुनिया बदल चुकी है. बच्चे बड़े होकर अपने माता-पिता की जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेते हैं. बुढ़ापे में मां-बाप बच्चों के लिए बोझ की तरह हो जाते हैं. बच्चे सही तरह से अपने माता-पिता से बात तक नहीं करते, ना ही उनकी इज्जत करते हैं.
ऐसी ही कहानी है हीरालाल साहू की जो 15 सालों से झोपड़ी में रह रहे थे. हीरालाल साहू के पांच बेटे हैं. बेटों ने हीरालाल साहू की खरीदी हुई जमीन पर घर बना लिया और घर बनने के बाद अपने विकलांग मां और बुजुर्ग पिता को घर से बाहर कर दिया.
बेटों की इस हरकत से पिता हीरालाल बहुत नाराज हो गए और अपने बच्चों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद पुलिस ने उनके चारों बेटों को गिरफ्तार कर लिया. हीरालाल का पांचवा बेटा भोपाल में रहता है जिसे पुलिस नहीं पकड़ पाई. लेकिन जल्द ही उसके भी पकड़े जाने की संभावना है.
गिरफ्तारी के बाद हीरालाल के बेटों को जमानत मिल गई. पर जेल जाने के बाद उनके बेटों को अकल आ गई और वह अपने माता-पिता को घर ले गए. हीरालाल ने नौकरी के दौरान अपनी जुटाई हुई रकम से बाढ़ पीड़ितों के लिए दान भी दिया था. उन्होंने बहुत नेक काम किए हैं.
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