यमन में पहली बार कुछ खोजकर्ता नर्क के कुएं के अंदर गए और कुएं के अंदर उन्हें सांपों के झुंड और झरने मिले. इस कुएं को लोग जब जिन्नों का जेल और पाताल का रास्ता भी कहते हैं. वैसे इसका आधिकारिक नाम पर बारहौत का कुआं है जो लगभग 367 फीट गहरा है. स्थानीय लोगों को तो यहां जानें में भी डर लगता है. इस कुएं का व्यास 98 फीट का है.
यह कुआं यमन के अल-माहरा प्रांत के रेगिस्तान में ओमान की सीमा के पास स्थित है. OCET के 10 खोजकर्ताओं में से 8 इस कुएं के अंदर गए तो उन्होंने बहुत सारे झरने और सांपों के झुंड देखें. लेकिन स्थानीय लोग डर की वजह से कुएं के बाहर ही खड़े रहे. खोजकर्ताओं को गड्ढे में से झरने, सांप, मृत जानवर, स्टेलैगमाइट्स और मोती भी मिले.
लेकिन अभी तक वैज्ञानिकों को यह पता नहीं चल पाया है कि यह कुआं कितना पुराना है. लोग ऐसा मानते हैं कि इसकी उम्र लाखों साल की होगी. स्थानीय लोगों ने तो यह भी दावा है कि जो भी इस गड्ढे के पास जाता है उसे यह कुआं अंदर की तरफ खींच लेता है. यही वजह है कि लोग इस जगह के आसपास जाने से भी घबराते हैं. हालांकि वैज्ञानिकों को ऐसा कोई सबूत नहीं मिला.
यूनिवर्सिटी आफ साउथ फ्लोरिडा फ्लोरिडा के सिंकहोल एक्सपर्ट ने बताया कि सिंकहोल कई तरह के होते हैं. सबसे सामान्य सिंकहोल कोलैप्स या सब्सिडेंस होते हैं. वैज्ञानिकों ने बताया कि कुएं अलग-अलग परतों में अलग-अलग चीजें देखने को मिली. कहीं झरने तो कहीं बहुत सारे मोतियों की परत थी. तो किसी जगह कैल्शियम कार्बोनेट की मोटी परत थी. खोजकर्ताओं ने कुएं से सैंपल भी लिए जिसकी जांच से यह पता किया जा सकेगा कि सिंकहोल कितना पुराना है और इसमें कितने तरह के मिनरल्स है.
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