General Knowledge: जानिए ऊंटों को जिंदा सांप क्यों खिलाया जाता है

ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहते हैं. ऊंट आपको रेतीले इलाकों में ज्यादा मात्रा में देखने को मिलते हैं. ये 7 महीने तक बिना पानी पिए जीवित रह सकते हैं. ऊंट का इस्तेमाल रेगिस्तान में सामान और सवारी ढोने के लिए किया जाता है. ऊंट रेतीले इलाके में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है.

ऊंट शांत स्वभाव के होते हैं. लेकिन जब इन्हें गुस्सा आता है तो इनको काबू में करना बिल्कुल भी आसान नहीं होता है. ये जब गुस्से में होते हैं तो उनके मुंह से गहरे हरे रंग का झाग निकलता है. ये अपने शरीर में पानी को स्टोर कर लेता है और फिर उसके सहारे लंबे समय तक जीवित रह सकता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऊंटों को जिंदा सांप खिलाया जाता है. पर ऐसा क्यों होता है, इस बारे में अगर नहीं जानते तो आज हम आपको बता रहे हैं.

आमतौर पर ऊंट की औसत आयु 40 से 50 साल की होती है. ऊंट का गर्भकाल लगभग 400 दिन का होता है. ऊंट एक साथ डेढ़ सौ लीटर पानी पी सकता है. ऊंट का दूध बहुत ही ताकतवर होता है. इसमें आयरन, विटामिंस और मिनरल्स तत्व पाए जाते हैं. अब आपको बता दें कि आखिर ऊंट को जिंदा सांप क्यों खिलाया जाता है.

दरअसल ऊंटों को एक ऐसी बीमारी हो जाती है, जिस वजह से उसके शरीर में जहर बनने लगता है और अगर सही समय पर इलाज ना मिले तो ऊंट की मौत भी हो सकती है. इसी वजह से लोग ऊंटों को जहरीला सांप खिला देते हैं. कई बार तो ये खुद ही जहरीले सांप खा लेते हैं. सांप खाने के बाद ऊंट पहले तो बीमार हो जाते हैं और खाना पीना छोड़ देते हैं. लेकिन जब सांप के जहर का असर खत्म होता है तो उन्हें भूख प्यास लगने लगती है. कुछ दिन बाद ऊंट पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है और फिर से पहले की तरह काम करने लगता है.

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