IAS में चयन के बाद भी आसानी से नहीं मिलती मंजिल, करनी पड़ती है ऐसी ट्रेनिंग

आईएएस अधिकारी बनने के लिए हर साल लाखों अभ्यर्थी यूपीएससी परीक्षा देते हैं. लेकिन कुछ ही अभ्यर्थी परीक्षा में सफल होते हैं और आईएएस अधिकारी बनने के बाद अहम पदों पर अपनी सेवाएं देते हैं. लेकिन बता दें कि IAS पद पर चयन होने के बाद अभ्यर्थियों को कड़ी ट्रेनिंग करनी पड़ती है. अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकैडमी आफ एडमिनिस्ट्रेशन में दी जाती है.

ट्रेनिंग को पांच भागों में बांटा गया है. पहला है- फाउंडेशन कोर्स, दूसरा- फेज-1, तीसरा- डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग, चौथा- फेज-2, पांचवा होता है- असिस्टेंट सेक्रेटरी-शिप. ट्रेनिंग का सबसे अहम हिस्सा डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग होती है. इसमें यूपीएससी क्लियर कर आईएएस बनने जा रहे अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग के लिए जिला स्तर पर भेजा जाता है. उन्हें इंस्टिट्यूट से बाहर डीएम या कलेक्टर के नीचे ट्रेनिंग दी जाती है.

कितनी होती है आईएएस अधिकारियों की सैलरी
आईएएस अधिकारियों को काफी अच्छी सैलरी मिलती है. सातवें वेतन आयोग के मुताबिक, IAS अधिकारियों की बेसिक सैलरी 56,100 रुपये है. इसके अलावा IAS अधिकारियों को ट्रैवल एलाउंस और महंगाई भत्ता जैसी चीजें भी मिल जाती हैं.

कुल मिलाकर आईएएस अधिकारी की मासिक सैलरी 1 लाख रुपए प्रति महीना के ऊपर बैठती है. अगर कोई आईएएस अधिकारी कैबिनेट सेक्रेटरी के पद पर पहुंच जाता है तो उसे ढाई लाख रुपए प्रति महीना तक की सैलरी मिलने लगती है.

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