जेसीबी मशीनें तो आप सबने देखी होंगी. इनका इस्तेमाल कंस्ट्रक्शन से जुड़े कामों में होता है. लेकिन क्या आपके मन में कभी यह ख्याल आया है कि यह मशीन पीले रंग की ही क्यों होती है. लाल, हरे या काले रंग की क्यों नहीं? अगर आप नहीं जानते तो आज जान लीजिए.
बता दें कि जेसीबी एक ब्रिटिश मशीन निर्माता कंपनी है, जिसका हेड ऑफिस स्टैफोर्डशायर, इंग्लैंड में है. इस मशीन को 1945 में लॉन्च किया गया था. लेकिन उस समय मशीन को कोई नाम नहीं दिया गया था. इसी वजह से इसका नाम जोसेफ सायरिल बमफोर्ड रखा गया.
आज भारत दुनिया में जेसीबी मशीनों का सबसे बड़ा निर्यातक है. दुनिया का सबसे तेज और पहला ट्रैक्टर फास्ट्रैक जेसीबी कंपनी ने बनाया था, जो 1991 में बनाया गया था. ट्रैक्टर की अधिकतम गति 65 किलोमीटर प्रति घंटा थी. 1948 में इस कंपनी में केवल 6 कर्मचारी थे. लेकिन आज दुनिया भर में इस कंपनी में लगभग 11,000 कर्मचारी हैं.
शुरुआत में जेसीबी मशीन सफेद और लाल रंग की बनाई जाती थी. लेकिन बाद में इन्हें पीले रंगों में बदल दिया गया. दरअसल, खुदाई स्थल पर पीला रंग होने की वजह से जेसीबी को आसानी से देखा जा सकता है. चाहे दिन हो या रात, लोगों को पता चल जाता है कि यहां खुदाई चल रही है. इसी वजह से इस मशीन का रंग पीला रखा गया.
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