आज हम आपको रेडी पर अंडे बेचने वाले मनोज कुमार रॉय की कहानी बता रहे हैं, जो अब एक आईएएस अधिकारी बन चुके हैं. मनोज कुमार रॉय बिहार के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखते हैं. वह बचपन से ही बड़ा अधिकारी बनना चाहते थे. पढ़ाई के लिए वह गांव से दिल्ली आ गए. हालांकि दिल्ली में खर्चा चलाना बहुत ही मुश्किल था. ऐसे में मनोज को दिल्ली में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
मनोज पढ़ाई के साथ-साथ कोचिंग भी लेते थे. लेकिन जल्द ही उनके सारे पैसे खर्च हो गए. जब उन्हें पैसों की जरूरत पड़ी तो उन्होंने रेहड़ी पर अंडे बेचे, सब्जियां बेचीं. पैसों के लिए उन्होंने दूसरों के घर झाड़ू-पोछा का काम भी किया. लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई पर फोकस नहीं हटने दिया.
शुरुआती तीन बार यूपीएससी परीक्षा में तो वह फेल हो गए. लेकिन जब 2010 में उन्होंने चौथी बार प्रयास किया तो यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने 870वीं रैंक हासिल की और वह आईएफएस अधिकारी बन गए.
मनोज हर हफ्ते के अंत में बिहार के जरूरतमंद अभ्यर्थियों को यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए फ्री कोचिंग देते हैं. उनके द्वारा पढ़ाए गए 45 बच्चे यूपीएससी परीक्षा में पास होकर बड़ा अधिकारी बन चुके हैं. मनोज रॉय की पत्नी अनुपमा कुमारी यूपीएससी परीक्षा पास कर चुकी हैं. दोनों मिलकर गरीब और जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई में भी मदद करते हैं.
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