आप जो गुड़ खा रहे हैं, कहीं वो केमिकल वाला तो नहीं, इस तरह करें असली-नकली की पहचान

गुड़ का सेवन करना सेहत के की दृष्टि से बहुत लाभदायक माना जाता है. ऐसी सलाह दी जाती है कि शुगर की जगह गुड़ का सेवन करें. बाजार में गुड़ की कई तरह की किस्में आती हैं. हालांकि आजकल मिलावटी और केमिकल फ्री गुड़ की पहचान करना बहुत ही मुश्किल हो गया है. अगर गुड़ केमिकल से बना हुआ है या मिलावटी है तो इसका सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. हाल ही में मशहूर शेफ पंकज भदौरिया ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर असली-नकली गुड़ पहचानने के बारे में बताया.

कैसे की जाती है गुड़ में मिलावट
असली गुड़ को साफ करने के लिए सोडा और कुछ केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. शुद्ध गुड़ का रंग डार्क ब्राउन होता है. लेकिन अगर गुड़ सफेद या पीलापन लिए हुए है तो इसमें केमिकल का इस्तेमाल हुआ है. पंकज ने बताया कि गुड में कैल्शियम कार्बोनेट और सोडियम बाई कार्बोनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है.

कैल्शियम कार्बोनेट की वजह से गुड़ का वजन बढ़ जाता है. जबकि सोडियम बाई कार्बोनेट का इस्तेमाल करने से यह ज्यादा चमकदार दिखने लगता है. जो गुड़ काला या डार्क ब्राउन हो, वह पूरी तरह से केमिकल मुक्त होता है. दरअसल, जब गन्ने का रस उबाला जाता है तो उसका रंग काला पड़ने लगता है.

लेकिन गुड़ का वजन बढ़ाने और उसे चमकदार दिखाने के लिए इसमें मिलावट कर दी जाती है. इसलिए बाजार से हमेशा वही गुड़ खरीदें, जो डार्क ब्राउन या काले रंग का हो.

गुड़ का सेवन करने से होते हैं ये फायदे
गुड़ का सेवन करने से पाचन अच्छा रहता है. एनीमिया की रोकथाम होती है. लीवर का डिटॉक्सिफिकेशन होता है और प्रतिरक्षा प्रणाली भी अच्छी होती है.

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