इंसानों की तरह बढ़ता है ये शिवलिंग, वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा पा रहे रहस्य

विज्ञान ने कितनी भी सफलता क्यों ना हासिल कर ली हो, लेकिन ईश्वरीय चमत्कार के आगे कई बार विज्ञान भी फेल हो जाता है. आज हम आपको खजुराहो के मतंगेश्‍वर शिव मंदिर के बारे में बता रहे हैं जो काफी रहस्यमई है. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में स्थित शिवलिंग हर साल तिल के बराबर बढ़ता है. यह कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 9वीं सदी में चंदेल राजाओं द्वारा करवाया गया था.

इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग के नीचे एक मणि है जो हर मनोकामना पूरी करती है. इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग को जीवित शिवलिंग के नाम से भी जाना जाता है. लोग ऐसा मानते हैं कि इस शिवलिंग में भगवान शिव का वास है. हर साल इस मंदिर में शिवलिंग के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. मौजूदा समय में शिवलिंग की लंबाई 9 फीट से ज्यादा है.

इस मंदिर का अपना एक इतिहास रहा है. यह मंदिर भारत के मध्य प्रदेश के खजुराहो में स्थित है, जो लक्ष्मण मंदिर के पास ही है. मंदिर के गर्भगृह में एक वृहदाकार शिवलिंग है जो 8’4 ऊँचा है और 3’8 घेरे वाला है. इस शिवलिंग को मृत्युंजय महादेव के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर का निर्माण खार-पत्थर से किया गया है. इस मंदिर में देव प्रतिमाएं ज्यादा संख्या में नहीं है.

हर साल का कार्तिक पूर्णिमा के दिन पर्यटन विभाग के कर्मचारी यहां आकर शिवलिंग की नाप लेते हैं, जिससे पता चलता है कि शिवलिंग का आकार बढ़ रहा है. इस मंदिर में प्रतिदिन पूजा अर्चना होती है. इस शिवलिंग की खासियत यह है कि यह जितना पृथ्वी से ऊपर है, उतना ही पृथ्वी के नीचे भी है. प्रतिवर्ष इस शिवलिंग की लंबाई 1 इंच बढ़ जाती है. लोग ऐसा मानते हैं कि जिस दिन यह शिवलिंग बढ़ते हुए पाताल लोक को छू लेगा, उसी दिन दुनिया का अंत हो जाएगा.

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