अगर किसी व्यक्ति के पास 100 करोड़ की संपत्ति हो तो वह खेतों में काम कर और दूध बेच कर अपने बच्चों का पालन पोषण नहीं करेगा. लेकिन राजस्थान की एक महिला जो करोड़ों की मालकिन है, फिर भी वह खेती और पशुपालन से ही अपना घर चला रही है. राजस्थान के नीम का थाना की पहाड़ियों के बीच गांव दीपावास की ढाणी की रहने वाली संजू देवी मीणा कुछ साल पहले सुर्खियों में आई थी. वह खेती और पशुपालन पर अपने बच्चों का पालन पोषण करती थी.
लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि वह 100 करोड़ की संपत्ति की मालकिन है. उन्हें इस बारे में तब पता चला, जब आयकर विभाग की टीम ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया. आयकर विभाग की आयकर निषेध यूनिट द्वारा द्वारा संजू देवी के नाम से दिल्ली-जयपुर हाईवे पर 6 गांव में खरीदी गई 64 बेनामी संपत्तियों को बेनामी संपत्ति अधिनियम 1988 के प्रावधानों के तहत प्रोविजनल रूप से अटैच कर दिया गया था.
संपत्ति की कीमत लगभग 100 करोड़ थी. जब जांच हुई तब पता चला था संजू देवी के नाम पर जमीन खरीदी जमीन का पैसा मुंबई के हीरानंदानी ग्रुप की ‘हेजलनट कंस्ट्रक्शन’ कंपनी ने भेजा था और 12.93 करोड़ रुपए में जमीन खरीदी थी. लेकिन अपने फायदे के लिए कंपनी ने संजू देवी मीणा के नाम का इस्तेमाल किया. हालांकि इस पूरे खेल में संजू देवी के पति और फुफेरे ससुर की भूमिका रही थी, जो मुंबई में काम किया करते थे.
संजू देवी ने आयकर विभाग की टीम को बताया कि उनके पति जमीन खरीदने के लिए उन्हें अपने साथ ले गए और उनसे कुछ कागजों पर अंगूठे लगवाए. इसके बाद वह घर आ गई. 10 साल पहले उनके पति की मौत हो गई. इसके बाद घर की सारी जिम्मेदारी संजू देवी के ऊपर आ गई. उनकी पति की मौत के बाद एक शख्स हर महीने उन्हे 5000 रुपए भेजता था. हालांकि कुछ साल बाद पैसे आना बंद हो गए.
जब आयकर विभाग की टीम ने संजू को पूछताछ के लिए बुलाया तब उन्हें पता चला कि उनकी 100 करोड़ की जमीन है. उसने कहा कि वह भैंस का दूध बेचकर अपने बच्चों का पालन पोषण करती है. अगर उसके नाम पर इतनी कीमती जमीन है तो उसे भी कुछ पैसा मिलना चाहिए.
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