जाने धार्मिक दृष्टि और वास्तु दृष्टि से बांस को जलाना अशुभ क्यों माना जाता है

शास्त्रों में बांस की लकड़ी को जलाना वर्जित माना जाता है किसी भी हवन या पूजा में बांस को नहीं जलाया जाता है ऐसा माना जाता है कि यदि बांस की लकड़ी को जलाया जाएगा तो इसे वंस नष्ट होता है और पित्र दोष लगता है। आमतौर पर हमें इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं होता है कि आखिर बांस जलाना क्यों इतना अशुभ माना जाता है लेकिन इसके पीछे बहुत से धार्मिक धारणा हैं आज हम इस आर्टिकल में हमको कुछ ऐसे ही को धार्मिक अवधारणा बताएंगे।

जाने बास जलाने के पीछे क्या है धार्मिक अवधारणा

भगवान श्री कृष्ण हमेशा अपने पास एक बांसुरी रखते हैं इसलिए बास को जलाना शुभ नहीं माना जाता। भारतीय वास्तु विज्ञान में भी बास को बहुत ही शुभ माना जाता है। शादी, जनेऊ, मुंडन आदि में बात की पूजा एवं बास से मंडप बनाए जाते हैं लेकिन बास को जलाना शुभ नहीं माना जाता।

वैज्ञानिक कारण
वैज्ञानिक दृष्टि से बांस की लकड़ी में लेड के साथ अन्य कई प्रकार की धातु होते हैं ऐसे में अगर आप इसे जलाकर नष्ट करते हैं तो यह धातुएं अपनी ऑक्साइड बना लेती है जिसके वजह से ना सिर्फ वातावरण दूषित होता है बल्कि यह आपकी जान भी ले सकता है क्योंकि इससे कण हवा में घूले होते हैं और जब आप साथ लेते थे आपके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं इसके कारण लीवर संबंधी परेशानियां होती है इसलिए वैज्ञानिक दृष्टि से भी बांस को जलाना खतरनाक बताया गया है।

फेंगशुई और वास्तु शास्त्र में क्यों गलत बताया जाता है बांस का जलना
फेंगशुई में लंबी आयु के लिए बांस के पौधे को बहुत ही शक्तिशाली माना गया है यह अच्छे भाग्य का संकेत देती है इसी वजह से बांस को जलाना फेंगशुई की दृष्टि से अशुभ होता है।

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