Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
धर्म संसार

दीवाली के दिन माँ लक्ष्मी के साथ भूल से भी ना करें इस भगवान की पूजा

दिवाली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है, दिवाली का त्योहार आदिकाल से मनाया जा रहा है इसे संसार में खुशी का प्रतीक माना जाता है। दिवाली के दिन से अन्य कई इतिहास भी जुड़े हैं, माना जाता है कि दिवाली के दिन राम जी के विजयी होकर अयोध्या लौटे थे। इसी खुशी में घर-घर दीप जले थे और इसीलिए दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है। राम-सीता और लक्ष्मण की वापसी की खुशी में दीवाली मनाई जाती है। साथ ही हम सभी जानते हैं कि दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना विधि विधान के साथ की जाती है।

आमतौर पर सभी घरों में विशेषकर लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है माता लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस पर महालक्ष्मी का आशीर्वाद होता है उन्हें जीवन में धन-समृद्धि प्राप्त होती है और उन्हें कभी भी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है।

आमतौर पर भगवान शिव देवी पार्वती और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अकेले नहीं की जाती है। कभी भी शिव की पूजा में माता पार्वती को किसी न किसी रूप में शामिल अवश्य की जाता इसी तरह माता लक्ष्मी की पूजा में विष्णु जी को भी अवश्य शामिल किया जाता है। लेकिन दीपावली के दीन माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा नहीं की जाती है यह एक आश्चर्य कर देने वाली बात है और हममें से बहुत लोगों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं होती है तो आज हम आपको इस आर्टिकल में इसी से जुड़े कुछ रहस्य बताएंगे—

आखिर क्यों नहीं पूजे जाते दिवाली में मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु
अक्सर आपने देखा होगा और ऐसा किया भी होगा दिवाली के दिन मां लक्ष्मी के साथ गणपति जी और मां सरस्वती की पूजा करते आपने देखा होगा लेकिन आपने कभी सोचा कि दिवाली के दिन महालक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा क्यों नहीं की जाती है, इसके पीछे का क्या कारण है तो इसके पीछे एक ऐसा इतिहास है।

भगवान विष्णु चतुर्मास के दौरान निंद्रा अवस्था में रहते हैं और दिवाली के बाद देवउठनी एकादशी पर ही जागते हैं और दिवाली चातुर्मास के दौरान पड़ती है और इस समय भगवान निद्रा की अवस्था में रहते हैं और उनकी निद्रा भंग ना हो इसलिए दिवाली के दिन उनकी पूजा नहीं की जाती कार्तिक पूर्णिमा के दिन जब भगवान विष्णु जी जागते हैं उस दिन देव दिवाली बनाई जाती है इस दिन मंदिरों में खूब सजावट की जाती है और फूलों की रंगोलियां सजाई जाती है और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।

मां लक्ष्मी के साथ गणेश और सरस्वती की पूजा अवश्य करें
हमेशा दिवाली में लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा अवश्य करते हैं कुबेर देव की पूजा को भी इस दिन करना चाहिए ताकि पूरे साल धन, समृद्धि, बुद्धि मिले, घर में शुभ मांगलिक कार्य हो और संकट ना आए। क्योंकि मां लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है, साथ में कुबेर देव की पूजा क्यों की जाती है क्योंकि कुबेर देव को भी धन के देवता माने जाते हैं, गणेश जी की पूजा की जाती है ताकि हमारे घर में शुभ मांगलिक कार्य हो और कोई भी संकट ना आए और मां सरस्वती की पूजा की जाती है ताकि हमारे घर में सबको सद्बुद्धि प्राप्त हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker