पानी बेचने की बात में लोगो ने उड़ाया मजाक, आज 1560 करोड़ो रूपये की कंपनी है Bisleri

Bisleri के बारे में तो आप सब जानते ही होंगे. यह भारत का नंबर 1 मिनरल वाटर ब्रांड है. हालांकि यह कंपनी कैसे शुरू हुई. इस बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं. 1921 में में इटालियन बिजनेसमैन Felice Bisleri ने मिलान में बिसलेरी की स्थापना की थी. हालांकि Felice Bisleri की मौत के बाद बिसलेरी कंपनी के फैमिली डॉक्टर रोजिज इसके मालिक बन गए.

बिसलेरी पहले मलेरिया के इलाज के लिए दवा बनाने वाली कंपनी हुआ करती थी, जिसकी मुंबई में भी एक शाखा थी. भारतीय बिजनेसमैन खुसरू संतुक के पिता भारत में बिसलेरी कंपनी के लीगल एडवाइजर और डॉक्टर रोजिज के बहुत अच्छे दोस्त थे. भारत में व्यापार बढ़ रहा था, जिसके चलते डॉ रोजिज ने कुछ अलग करने की सोचा, तो वह बिसलेरी कांसेप्ट वाला बिजनेस आइडिया लेकर आए. उन्होंने भारत में इस बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए खुसरू संतुक को मना लिया.

1965 में खुसरू संतुक ने मुंबई के ठाणे इलाके में बिसलेरी वाटर प्लांट स्थापित करवा दिया. यह आइडिया भले ही रोजिज लेकर आए. लेकिन पानी बेचने का श्रेय खुसरू संतुक को ही जाता है. हालांकि जब खुसरू संतुक ने यह काम शुरू किया था तब लोग उन्हें पागल कहते थे. लोग कहते थे कि यह कौन सा बिजनेस है भारत जैसे देश में 1 रुपया देकर कौन पानी की बोतल खरीदेगा. हालांकि उस जमाने में ₹1 बहुत ज्यादा हुआ करता था.

बाद में कंपनी ने बिसलेरी वाटर और बिसलेरी सोडा उतारे. यह दोनों प्रोडक्ट पहले फाइव स्टार होटल और रेस्टोरेंट में ही मिलते थे. लेकिन बाद में आम लोगों की पहुंच में भी आ गए. हालांकि खुसरू संतुक अपने इन ब्रांड्स को आगे नहीं चलाना चाहते थे. इस वजह से उन्होंने इस कंपनी को बेचने का फैसला किया. तो यह कंपनी 1969 में 4 लाख रुपये में चौहान ब्रदर्स के रमेश चौहान ने खरीद ली.

उस समय इस कंपनी के देशभर में केवल 5 स्टोर ही थे. 1970 में रमेश चौहान ने ‘बबली’ और ‘स्टिल’ के साथ बिसलेरी सोडा लॉन्च किया. इसके बाद कंपनी ने सॉफ्ट ड्रिंक भी लॉन्च कर दिए. धीरे-धीरे बिसलेरी वाटर मार्केट में पॉपुलर होने लगा. हालांकि बाद में मार्केट में बेली, एक्वाफ़ीना और किनले जैसी कंपनियां आ गईं. हालांकि आज भी बिसलेरी देश का नंबर वन मिनरल वाटर ब्रांड है.

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