हमारा देश कृषि प्रधान देश है. आज भी हमारे देश का एक बड़ा तमगा खेती करके भी गुजारा करता है. हालांकि अब खेती की तकनीक बदल गई है लेकिन बहुत से किसान ऐसे हैं जो पुरानी तकनीक से खेती करते हैं, जिससे उन्हें फायदा नहीं होता बल्कि नुकसान होता है. लेकिन आज हम आपको पार्थीभाई जेठा भाई चौधरी के बारे में बता रहे हैं, जो पहले पुलिस डिपार्टमेंट में नौकरी कर रहे थे.
हालांकि पुलिस की नौकरी छोड़ने के बाद वह खेती करने लगे. पार्थीभाई को खेती के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन फिर भी उन्होंने आलू की खेती करने का निर्णय किया. इसके लिए उन्होंने खेती करने से जुड़ी बारीकियां भी सीखीं. आज वह आलू की खेती से हर साल करोड़ों रुपए कमाते हैं.
इसके अलावा वह दूसरे किसानों को भी खेती की करने का प्रशिक्षण देते हैं. आज वह पोटेटोमैन के नाम से मशहूर है. पार्थीभाई ने 18 साल पहले ही पुलिस की नौकरी छोड़ दी और मल्टीनेशनल कंपनी के साथ उन्हें एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट में प्रशिक्षण करने का मौका मिला.
पार्थीभाई के खेतों में जिन आलू का उत्पादन होता है, वो बड़ी-बड़ी कंपनियां खरीदती हैं. उनका सालाना टर्नओवर लगभग 3.5 करोड़ का है. पार्थीभाई प्रति हेक्टेयर लगभग 1200 किलो आलू का उत्पादन करते हैं. इन आलू के चिप्स आदि बनाए जाते हैं. यह आलू बालाजी वेफर्स कंपनी खरीदती है. हालांकि पहले ये आलू मैकेन कंपनी को दिए जाते थे.
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